श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह भाग - 1 | Shree Jain Siddhant Bol Sangrah Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
416
श्रेणी :
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No Information available about भैरोंदान सेठिया - Bherondan Sethiya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२. सेठिया जैन ग्रन्थालय
बीकानेर के प्राचीन ग्रन्थालयों में संस्था के ग्रन्थालय का
विशिष्ट व गौरवपूर्ण स्थान है। इसमें लगभग १८,००० ग्रन्थ, १२००
पत्र-पत्रिकाओं की फाईलें, १:०० हस्तलिखित ग्रन्थ आदि संग्रहीत
हैं। ग्रन्थालय में उच्च कोटि के ज्ञान वर्द्धक दुर्लभ ग्रन्थ हैं, जिन्हें
न्याय-दर्शन, काव्य-नाटक, उपन्यास-कहानी, इतिहास-पुरातत्व,
मनोविज्ञान, चिकित्सा, हिन्दी-संस्कृत-प्राकृत-गुजराती-राजस्थानी
-अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी साहित्य, पत्राकार, सन्दर्भ-कोश, गणित:
आदि विभागों में वर्गीकृत किया गया है। लगभग दो शताद्ियों पूर्व
प्रकाशित अनेक अलभ्य ग्रन्थ भी इस ग्रन्थालय को सुशोभित करते
हैं। संस्कृत साहित्य, होमियोपैथिक चिकित्सा, जैनधर्म/दर्शन,
संस्कृत साहित्य का तो यहां ऐसा भन््डार है कि विद्वानों व
अनुसंधिन्सुओं को एक साथ वांछित ग्रन्थ यहां उपलब्ध हो जाते
हैं। वेद, उपनिषद्, रामायण, सेक्रेड बुक्स आफ ईस्ट एन्ड वेस्ट,
एन्साक्लोपीडिया ब्रिटानिका, हिस्टोरियन्स हिस्ट्री, हिन्दी विश्वकोष,
हिन्दी मानक कोष, संस्कृत-प्राकृत कोष, एन्साइक्लोपीडिया ऑफ
यूनिवर्सल नॉलेज आदि विशिष्ट ग्रन्थों के सेट अपने आप में
अनुपम व बेजोड़ हैं।
विद्वतृजनों व शोधकर्त्ताओं को ग्रन्थालय में बैठकर अध्ययन
की सुविधा उपलब्ध है।
३. सेठिया जैन सिद्धान्त शाला
इस विभाग द्वारा विरक्त,मुमुक्षु वर्ग व सन्त मुनिराजों तथा
महासतियांजी के अध्यापन की व्यवस्था की जाती है। संस्था को
गौरवानुभूति है कि अब तक इस विभाग से शताघिक सनन््त-सतियांजी
व मुमुक्षु वर्ग लाभान्वित हुए हैं। दीक्षा अंगीकृत करने से पूर्व
ज्ञानाभ्यास करने व तदनन्तर समाज को सच्ची दिशा-निर्देशन कर
जैन धर्म की प्रभावना करने से उनका योगदान महत्त्वपूर्ण है। इस
विभाग द्वारा समय-समय पर पंडित, विद्वान व शिक्षक उपलब्ध
कराये जाते हैं ताकि छात्र/संत-सती वर्ग अपनी प्रतिभा को
उजागर कर सके, लेखन में प्रवृत्त हो सके और अपनी वक्त्त्व
कला का विकास कर सके। दीप से दीप जलाने का यह कार्य
निस्संदेह ज्ञानालोक फैलाने में महती भूमिका है।
रप
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