श्री -प्रज्ञापना सूत्रम् भाग - 1 | Shri Pragyapanasutram Bhag - 1

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Shri Pragyapanasutram Bhag - 1  by कन्हैयालाल जी महाराज - Kanhaiyalal Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नच्छ. >च् >ाच्छ श्र * १३ १४ श्ष १६ १७ १८ १९ ० ०9 ८ &छ _# >> «८“ढ बआ ७ ४2 शक ्ै प्रज्ञापनासत्र की विषयानुक्रमणिका विषय , अंगलाचरण ग्रतापना का स्वरूप मंगलाचरण का प्रयोजन दिखलाना श्री महावीर स्वामी को वंदन का कारण दिखलाना प्रज्ञापना के अभ्ययन्न व भेद का निरूपण अजीव प्रज्ञापना का निरूपण अरूप्‌ अजीव य्‌ रूप अजीब प्रज्ञापना का निरुपण जीव और वर्ण का परस्पर संवेध का निरूपण रूपी अनीद प्रज्ञापना के स्वरूप का निरूपण जीव प्रज्ञापना स्तररूप निरूपण पृथ्वीकाय अप्‌० ते3० बायु० वनस्पतिकाय के भेद का स्वरूप निरूपण : समेद वनस्पतिंकाय का निरूपण साधारण शरीर वादर वनस्पतिकाय का निरुपण भट्ट के निर्देश पूवक अन्त जीयों का निरूपण बीज की अपस्था का व साधारण जीव के लक्षण का निरूपण वेन्री से प्ेन्द्री पयेत के जीवों का निरूपण भेद सहित नारकों जलचर स्थलूचर-परि . खेचर पंचेन्द्रिय का निरूपण भेद सहित मतुष्य का स्वरूप व करमभूमि के मलुष्यों का बणन देश भेद से आयांदि का वर्णन व भेद सहित दर्शनाये का निरूपण भेद सहित्त वीतराग दर्शन० व चारित्र के स्वरूप का मिरूपण एष्ठाडूं १-४ ४-८ ९-१८ १८-२४ २४-३० ३०-३९ २३-५४ ५४-१०६ १०७-१६५ १६५-२१६ २१७-२४५ २४५-२१९२ २१९२-३१३ ३१४-३२४ ३२१४-३४५ २३४६-३६ १ ३६२-४१८ ४१९-४४५ ४४५-४८३ ४८३-५३ १




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