आजकल | Aaj Kal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about चन्द्रगुप्त विद्यालंकार - Chandragupt Vidyalankar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(०२)
नागरिकता
एक पुरानी गाथा के अनुसार सृष्टि फे प्रारम्भ में इस प्रथ्वी दूत:
पर केपल बालक और बालिकाओं का द्वी निवास था । उन्हें किसी _0'
तरह की चिन्ता या सेहनत नहीं करनी पडती थी । सत्र तरफ़
सुगन्धित फूलों और स्वादिष्ट फलों से लदें हुए बृक्त थ। जगह-
जगह स्वच्छ ओर शीतल जल के मरने बद्दा करते थे । सौसम
सदा बहुत सुहावना रहता था । तब न बीमारी थी, न बुढापा था
और न मृत्यु ही थी । उन वालका की शारीरिक दशा सदा एक-
सो रहती थी ओर स्वेज्ञने-कृदने फे सिवाय उन्हें कोई काम न था।
एक दिल एक विचित्र-सा आदसी इन बचों के पास एक
सुनहरी सन््दूक लेकर आया ओर कद्दने लगा कि मेरा यह सन््दूक
रफलो | परन्तु शर्ते यह है कि इसे कभी कोई गोले नहीं । बच्चो
ने इस बात फो मन््जूर कर लिया और वह आदमी सन्दृक रख
फेर चला गया। का
User Reviews
No Reviews | Add Yours...