शरत् - साहित्य शुभदा | Sarat-sahity Shubhda
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
172
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)झुमदा ३१
पमराने अपने आँसू पोहकर कद्ा--ऊहें छोड़ तो दौगिएगा न
#इष्छा हो न थी। बह देठा बदबख्स हे, ठससे रसे दण्ड मिथ्ना ही
रुषित था । फिर मौ ठुम्दारं लपाससे छोड़ दूँगा । ”
अम्दाडी भौंकयसे छाइन-मरदोंक्री की रूम गई। एपेदकेए इडको बह ज्राह्मण
कम्पा होडर मी मैं छोड़कर व्याणरौजोंद देनेड़ा ताइत नहीं कर सकी | मन शी
मन उनको सेकप्री पन्कभाइ देकर, ईशरफ्रे झरभारमे उनका हजारों तरइका मंगफ
मनाकर बह बातेके दिए. उठ कड़ी ईुई।
माघान बने किर उठाकर कहा - आज ही घर बासोगी !
शर्ते गदन दिद्घकर क_्षनागा कि आज ही बागगी।
मंगरान डाबूते पृष्ठ --स॒ुम्दारे साथ भौर प्ेई भारमी है!
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५ बाई नहीं! वो इतनी पक्के अफ्रेश्य न बाओ। एक भारमी साथ
हे बाभा।?
प्रमद्ा बह भी भर्तगर करके अेडी ही ठठ बैगछके मौतरसे परको छोटी ।
अब उसने परम प्रकेश किया, ठत तमय मोर हो गा था| हूसना पहछे ही
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झसने कदा--#9 इतम तद़के सदा भाई ह
गुमदा (हों ! कुकर मीतर अत्ती गई।
४
रास्मति भौर दृधामजि नाम न रुषकर छुमदामे भो दोनों बेटिपोडे नाम
रहना भौर एप्ता रखे ये, इससे ननद रशमागेके सनभे बड़ा सन््ताप था !
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ठेवफ् आपसे अधिउ कारय उस बह नप्म था| स्पेय झुडके-एटृकिशोंसय
माम देव देविजाध मामस रखते हैं क्पोंकि उ्ें पुरारममे मो मगशनडा; देशी-
रेस्लाभोथ नाम हुँहते निदरूण है; डिश इन दरों झादिगो पुर्सेले
इन पहठा है, देते पारधय देफ़य योदा योदा करके बह छा है ।
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