दक्ष - सुता | Daksha - Suta
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
178
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महोपाध्याय माणकचन्द रामपुरिया - Mahopadhyay Manakchand Rampuriya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)डाल-डाल पर कलियां चटर्खी-
नव सौरभ लहयया,
पुष्पावलियों पर अनजाने-
भरें का दल आया,
कोयल कूक उठी, अवनी की-
विहँंस उठी अमराई,
लता विटप से लगी लिपटने-
रस बेबस सरसाई,
कुण्ज-कुण्ज में हवा हठीली-
मादकता फैलाती,
उघर रही डाली को बूतन-
किशुक चीर पिन्हाती,
सरसों के खिलते फूलों पर-
तितली-दल मेंड़राते,
कली-कली को मधुप मनोहर-
ग्रुन-गुन गीत खुनाते,
अमरलोक-सा दक्ष-नगर था-
मोहक रस से गीला,
यहाँ उषा थी शीतल लहरी-
चंदा सदा पनीला,
दक्ष-सुता 13
User Reviews
No Reviews | Add Yours...