त्रैभाषिक विश्वकोश | Traibhashik Vishvakosh

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Traibhashik Vishvakosh  by रामस्वरूप - Ramsvrup

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| श्रधथधि--सी मा, मर्यादा, ( अवधीयते ) 5 ' अधेर--विलम्घ। « : दा 'झव्येक्त--अप्रकटितः) | '.* '. . सन्‍््ई अवशा-तिरस्कारई, अपमानम्‌। . « हलाब [ १३१] न अलावब--भ्ञारधानम, (धीयते ) का अलि--द्विरेफ,, पदपदः, । बह अल्लीक--अतथ्यः, अनुतम्‌ मिथ्या, .. <«- अलोप--अलत्षित), अन्त्िंतः अस्तर्ध्यानम्‌ अरहड़--अवोध:, चाल्षिशः, श्रशिक्षित॥ .. झधकाश-रिक्तता, अनाध्यायः, मुक्ति .- अवगत -शातम, चुद्धम, ( बोधयति ) |... झचगति...पिया, घोधः, (जानाति)। ... अपगाइत-- स्नाति, सरनो, खानम , अभिषेकः ! हि अवगुण-दोप+, अपराध, श्रागलः। ... अधगुणी-द्ोपी, श्रागस्कृ॒त्‌, (दुपयति) ... 4. 9071-10, 8६०79, ६7500. सै. बह 80: 960. 33०, 1101०; पं5ए|०१अंए १, 0607००० ९१ 15% ए९क्घ९व, 7९#1०व, * एकाए, परंगणड़॥, &ए:ए४7९५ व,७ं४7९, गृम०७पयां।ए, ग।0: एव एफ, ए्रापैतत५००१, #ऋ७०४)९०४९, 1(घाजांग8, १५:11): मी ।)।।0 ,), मै एश७४७, अव०९, 801; शागंजी- जांकरल्त; शां7४एशै९३55, एजाशा[/, पं ॥९भ९०७, पोडएश्ठ1वे, अयतरना-प्रपताराव क्म्पन्म्‌, अवतणम्‌ | | 000 ७९८०ाआ९ 1001770९, ६0 वं०8०श९ा्दं, अ्रधतरन- तरणम , ( तरति-ततार-तरि- ध्यत्ति) धर (775आा १91 प्रथा) 9 गांजा, 0०फाकेाएए, झपघृत--शिवभक्त+, (मजति) न्नः श्रेवनि--धरिभी, भूमी, दमा, भू नर झपधयव--( विभजञते) भाग: अन्गानि, खण्ड: ! अवल्लोकन--दर्शनम्‌ , निरीक्षणम्‌। अधाधील-खज्जनः, गध्लनः । अवरोध--निपषेधः, निरोधः।. --««««« झअचलम्ध--आश्रयः, शरणम 1 झवलम्बित--श्राश्रित), श्राशयति |. «« अधली-पंक्तिः ६ नर अच्चह--प्रथम), पूर्व न अवशिष्ट-शेपभाग+, ('ध्धशिष्यत्ते ) «« अवसाव--समाप्तिस, श्रन्तम इति। ... अवस्था--दुशा, चयः आयु: । [060०6९० 0 8#1४2. 1७ ४४7६1, 116 ४0र्पंपे, ! गरड, 8 गरश्ञाफ्रेश), 9 [1 818, शंग्र०्0, ४९४०४, 100घं०१ ४६० 8४1109७, ग्राहाब००३५ फ। पे, 09#70०४०1 11790798706- 29:0066४४०070, 8061107, 7170086« एककनाकाएड, गरब्णहांपड पै० एम 2. (79, & 709५ पा, 0९88 0वज्ञॉो, छ्ेएं।४/- 1,6७6, एशश#ंतांत छू एकलेप्न॑ंका/०्क्रापक ध्रंणा; तेरा, हिद्धा8, ००र्षा।क, 889, थररंएपराए४॑क्ा०8- 1.8016६5,' 'शैंयए, प्रपाढ परमंप्श३ब, धीह वारंभर० कैशं। 8. झब्यय--अविनाशी ।* ». 1४ | #प एपीशंआ०,क एकामेंणे8, *




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