मूल सुत्ताणि | Mool Suttani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
738
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अ० ४] दसवेआलियसूत्त १९
जरज अत
दिया वा राओ वा ेु
एगओ वा परिसा“ओं वा
सुत्ते वा मागरमांणे वा
से भर्गाण वा इंगाल॑ वा मुमुरं वा अच्चि वा-
जाल वा अलाय वा सुद्धार्गण वा उबके वा-
तजेज्जा गधघहेजा- न भिदेज्ञा-
न उज्जालेज्जा त पज्जालेज़्जा न तिव्वावेण्जा-
अक्न न उंजावेज्जा नघट्वावेज्जा ने भिदावेज्जा
ने उज्जालादेज्जा त पज़्जालादेज्जा न निवाबेज्जा
अन्न उजत॑ वा घटुंते वा भिदंत दा-
उज्जातंत वा पज्जालंत वा तिव्बावंतं दा न तमणुजाणेज्जा
जावण्जीवाए तिविह तिविहेणं
मणेणं वायाए काएएं-
वे करेमि न कारवेसि
करतं-पि अन्न न समणुजाणामि
तस्स भंते ! -
पडिक्कसामि निदामि गरिहामि
अष्पाणं बोसिरामि ॥३॥
से भिवख वा भिवदुणी वा
संजय-विरय-पड़िहय-पच्चरखाय-पाववकमे-
दिक्ा दा राज वा-
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