कवि श्री माला तेलुगु | Kavi Shri Mala Telgu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
136
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श््ष
बाप-हत-हिरिय रश्त
क्ापाशिक-मपत-स्वाहा
कहकस्ता-कातशिका-जिद्धा
अआहिपे हब रूबिताड़े छिए।
फिर यह कदिता कैस हामी ? इसका प्रभाव गया हवापा ? बकहत है --
हिझमदालौ हिह्लानेदालौ,
शरहनेदाली बदरानवाती
सहुरी वींरकों हूडानेबासौ
पूण छोबत प्रदात करनेगासी
हैं गष कबिता |
यह बवि केगस शास्तिस ही सस्तुप्ट कहीं ई_ बह एक श्बीन सामाजिक एप
आपिक स्यषस्थाद स्पापता्क। प्ररक्षा भी देता है।
क्षी श्री का प्रसिद मुक्तकाप्य-संप्रह महाप्रस्वानमु है।
घनिनेट्टि सुम्याएगर्ज! प्रसतिबाई/ दिचारघाराकां बह ही ककतात्मक इगल
स्यक्त करते हैं। सब्तिर्बीया इनकी बजिताजोंडा संग्रह है।
आरद (भागवदुल्व घहर धाबी) प्रकयशा आह्ाग कएतवालोर्से
प्रमुख ईैं। रथमेबाइमू मामक पृस्तकर्मे आपकी कबिताएँ संग्रहीत हैं। हासमें ही
जापका सिनदार्धी शासक लप्द-काप्य प्रषाधित हुआ है।
अ्रीरंगम् सार्ायणबाबू मति यम्रार्थबाई। कबिताओंके प्रसिद्ध कबि है।
अति सबीस दौर एवं मर्दास विचारधारामें आपकी कबिता चछती है।
बपासमौसमु विटशीरईीपमु (खिहकीमें दिया) रधिए
जक्यातदि भाई आपकी प्रमिद्ध रचनाएँ ई। आपको मृत्यु हारू ही में हुई है।
पी ठेन्शरि सूरि, श्री बस्ककोंहा रामदासु, श्री पट्टापि भरी बुल्युदि
झाश्जाजनपु८द माहि इस प्ायक प्रसिद गबि है।
ही जष्ममूत् रषिसर्णीगापमाम्जी पैराईी (स्प॑म्य कशिता) खिलवर्मे सिद्ध
हल हैं। अशितत शासक इनढा पैरोही पद-सग्रह काएट प्रसिद्ध है।
हपिपजादके कबियोर्म श्री दापरसमी प्रमुण हैं। माप सरमी प्रदारकी पैफियोंसे
निपुधताके साथ किलर सतत है। आएकी बडितासें सक्च अर्पोम स्पक्तिगद भावना-
आदर सब मौर स्ताप्रादिस प्रदाह है। मस्लिघारा. र*शाभा शादि आपने
असिद्ध बास्प-संप्रद है। झरस्दिप्म् रा झबारेटरी आज एक प्रखिय बणिता ह।
सदझ दिचार अनायास है बदिई बएपस प्रभूष हाठे है। दाछरदी बहते है -
है गहों पहनने
स्थाशरचढ़ा रेडिमेड फ़िब्ात तो मंसे कूश पढ़ते है
डगठाके सामने (भाद मैरे)।
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