ब्रह्मसूत्र शांकरभाष्य - रत्नप्रभा | Brahm Sutra Shankarabhashya - Ratn Prabha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
207 MB
कुल पष्ठ :
777
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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| शरद |
विषय ... पृष्ठ पडक्ति
पूवपक्षका खण्डन [ सिद्धान्व |]... #.« ,.,.. २४०२- ७
सूत्र--भृतछ ततच्छत ४॥२।1३।७० ५७» ००० २४०४ - २४
ग्राणोंसे सम्प्क्त जीव देहके बीजमूल सूक्ष्म भृतोंमें रहता है ..... श४०५- ५
सृत्र--नेकस्मिन् दशयतो हि ४॥२॥३।६ ० न र४छ है ++ फेज
अन्य शरीरदी प्राप्रिमं जीव केवल तेजमें नहीं रहता शक घ४०७ + श
आसत्युपक्रमाबिकरण ७२४1७ [प्र० २४०९-२४१३।
छेथ जधिकरणका सार हो पु ४०५ २४०९ - ६
सूत्र--समाना चारत्युपक्रमादसतत्व चानुपोष्य ४।२।४।७ मल २४०९ - ११
विद्वान और अविद्वानकी गति भिन्नन्भिन्न हैं [ पूथपक्ष | ,,.. २४१० - २
विद्वान और अविद्वानकी गति समान ही है [ सिद्धान्त | ... २४१२-०२
संसारव्यपदेशाधिकरण ४/१₹/१॥८-११ [प्र० २४१३-२१४१८]
सं अधिकरणका सार हर के जप २३४१३ - १५
सूत्र--तदाञपीते: संसारव्यपदेशात् ४॥२॥५७८ .. ... श २४१४ - १
७. >> जे ९
करणसहित तेजकी ब्ह्मसम्पत्ति आत्यन्तिक होती है [पृथ्रपक्ष २७१७४ + ८
तेज आदि भूतसूक्ष्म सम्यक् ज्ञानसे जब तक मोक्ष न हो तब तक
रहते हैं [ सिद्धान्त |... का ,.. २४१५- ४
सूतज--सक्ष्म श्रमाणतश्च॒ तथोपलब्धेः ४॥२५॥९५.... हा २४१६ - ९
जीवका आश्रय इतरभूतसहित तेज स्वरूपसे और प्रमाणसे सूक्ष्म है २४७१६ - १७
सूत्र--नोपमर्दनातः ४1२:५।१० शक हम २४१७ - १९
स्थूछ शरीरक उपम्दसे सूक्ष्म शरीर॒का नाश नहीं होता है .... २४१७ - २६
सूत्र---अस्येव चोपपत्तिरेष. ऊष्मा ४॥२।५1११ ५० जा २७४१८ - १
सूक्ष्म शरीरकी उष्णता स्थूल शरीरमें उपछवष्ध होती है ..... २४१८ - १०
६छ अधिकरणका सार बे 0. का 2१९ - ६
सूत्र-प्रतिषिधादिति चेन्न झारीरातू ४५४३६।)१२ .,..... »... २४१९ - १३
ब्ह्मवेत्ताके प्राणोंका भी शरीरसे उत्करमण होता है [ पूर्वपक्ष | १४५० - ४
सूत्र--स्पशे ह्ेकेषास् ४॥२।६॥१३ कु हे नि २४२%७%- 1१
ब्रह्मत्त्ववेत्ताके भाणोंका देहसे उत्क्रमण नहीं होता [ सिद्धान्त | २७२० - १०
उष्त सिद्धान्तमें आतभागके प्रश्नकां कुथन .... डे २४२२ - १०
पञश्चमी ओर पष्ठीके पाठभेदसे भी देहसे उत्क्रमण प्रतिषिद्ध होता है. २७२४ - 8.
सूत्र-स्मयते च ४1२।६।१४ ४ ०«- २४२६ -+ १
गति ओर उत्क्रान्तिके क्रभावमें महाभारतका वचन न २४२६ -+ ९
+ ख जार
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