सात गीत वर्ष | Saat Geet Varsh

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Book Image : सात गीत वर्ष - Saat Geet Varsh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कबतक आकाश में विहार करूँ सिवा तुम्हारे इन सरल पुष्ट कन्बो के और कहा बैंदूँ में ? वाट टु मत ही 1 इक न पप पआ, बे आहत है भेरा अहम्‌ रु श मेरे थे पस्त और मैंने देखी थी अ। मैं भी छा सकता था फिल्तु एक थोडे-से साहस के बगेर में अग्नि जीत छाने से वचित रहा तुम हो भरे प्रियजन भेरा यह आहत अहम अगर तुम्हारे मासपिण्ठ से बुसाता है अपनी भूसफ तो तुम बया इतना भी नही सहोगे मेरे लिए सुनो वत्स ! मुझको यदि मानते हो गुरजन तो बात सुनो महते चलो सत्र बुछ माथे पर शिक्न नही लाना बभी मन में घृणा बही छाना वभी घृणा वह जहर है जो नमो में प्रशाहित खत यो दृषित वरता है और वह खन यह सुम्हारा रक्त अततोगया मृपयों ही सो पीना है !




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