समता वाणी | Samta Vani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
454
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समता वाणी 5
सर्व दीसे तेज - रूप,
नमो सिद्ध निरजन ||७।।
जगत जिनके दास दासी,
तास आस निरासन |
चन्द्र पै परमानन्द - रूप,
नमो सिद्ध निरजन |।८।।
स्व-समय समकित दृष्टि जिनकी,
सोय योगी अयोगिक |
देखतामा लीन होवे,
नमी सिद्ध निरजन |1॥६।।
चन्द्र सूर्य दीप - मणि की,
ज्योति येन उललघित।
ते ज्योति थी अपरमज्योति,
नमो सिद्ध निरजन ||१० ||
तीर्थ सिद्धा अतीर्थ सिद्धा,
भेद पच - दशाधिक।
सर्व- कर्म - विमृक्त चेतन,
नमो सिद्ध निरजन |।११।।]
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