हे भानमती | Hai Bhanamati

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Hai Bhanamati by मणि मधुकर - Mani Madhukar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सायर ने बुदबुदाते हुए दात पीसे, “गोंठवाली, में तुम्हें कभी नहीं मूलूगी' “तुमने बली को मुझसे छीन लिया 1” फिर उसने विरदू के हाथों से रोटियां झपटकर धूल में फ्रेक दी, “इन्हें मत खाओ !” मैं गाड़ी हांकता रहा । नही, मुझ मे ईर्प्पा नहों थी। सायर से यह कहना व्यर्थ था कि घुरू में मैंने और वली ने साझे में औरतें भगाने का धंघा चलाया था। अव तो शज्ञायद वह भी इस बात को भूल गया होगा । 0 एक बाह कटी हुई | १५




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