शान्तिनिकेतन से शिवालिक | Shanti Niketan Se Shiwalik

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : शान्तिनिकेतन से शिवालिक  - Shanti Niketan Se Shiwalik

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शिवप्रसाद सिंह - Shivprasad Singh

Add Infomation AboutShivprasad Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
विरुूपीकरण कफ शिवप्रसाद सिंह दषिडतजीवों मैं पिछले सत्रह वर्षोसे देखता आ रहा हूँ । घण्टा बातें वी है। गण्पें नो हैं। सैक्डा! बार शामकों साय-साथ धूमा हूँ । सुयह कभी भी नहीं, इसके लिए वे अक्सर चिदानेके एिए यह भी क्टत है कि भाज तुम्हारे दरवाजेपर दस्तक दे आया, पर मे सुबहकी दस्तकोवों व्यक्तिस्वातल्यके सिलाफ मानता हैँ इसलिए कभी ध्यान नहीं दिया) नाना विषयोपर, कभी-कभार वेमतलव ही, बहसे की है, समभा-गोष्ियोमें साथ-साथ बैठा हूँ, वितनाकी उनने सामने निदा प्रशसा वी ह, बई-बई बार वे अपने विरोधियोवी निदा सुनरर खीझे हैं, और वरई-वई बार भेरे द्वारा प्रशफ्तित व्यक्तियोपर करार व्यग्प करके ठहाके ढूगाते रहे हू । ठहावे वे अपनेपर भी लगाते हैं और कुछ अवसरोपर उहोंपर उही-द्वाएं ऊूगनेयादि ठहाकामें मने भी पुरजोर हिस्सा लिया है | याना सक्षेपर्में यह कि इस व्यक्ति्वरे लाना अवस मेरी स्मृतिर्मे टेवे हैं, जिनकी “म्बरिंग”/ करना भी मुश्किल हैं, तरतीबसे पुन प्रस्तुत ₹र सकता ता असम्भव ही समझिए | पण्टितजीवा चेहरा 'क्लेटो फेस! तिखुल ही नही हू । यह मेरी फोटोग्रफी- की असफरता भी हो सकती है, बच्चापन भा, सही घोण और आवश्यक दूरी वा अभाव भी, पर इतना तय हैं कि यह शतकोषिए व्यक्तित्व अक्सर घोसा दकर छूट जाता ह। इसे बॉँधनेका प्रयत्न, सव-कुछको समर लेसेकी चेष्टा प्राय ध्यथ हो जाठी ह्‌। इंदील्ए अपने इस भ्रयत्तवी सफ्ल्ताक़े बारमें भी मुझे काई मुगाठता नहीं ह । इसका परिणाम जानता हूँ) सिर्फ विश्पीकरण, और कुछ नहीं । पर कमी-क्भी मत-माफ्वि चित्रण न कर सबनेत्री खीझ विष्पीवरणसे हो तुष्ट होती ह और किर असम्भवकों सम्भव नरलेके असफल प्रयत्तका भी एक स्वाद तो होता हो हू 1 इन्हें पहली वार देया ता स्टेजपर थे ) थानों भुल्आात काफी कुछ दना बंदी रोहनियाने बीच हुई | तड संस्कृति सपा अधिवेशन था। भर उस समय उदयप्रदाप बॉलेजका छात्र था। गलत क्षेत्र, यानी साहित्य-वाहित्यके प्रति जीवन-यज्ञ ३




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now