मृत्यु हीन | Mrityu Heen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शाएचय॑ की बात है ! विद्ुष को दिलचस्प लगा । अत्पताल से कहाँ
मरीज भागता है ? जाकर चीनी मुहल्ले में देखो--ल्यां तोयां के चंडराने में 1
हो सकता है अब तक घिलम से दम लगाकर लुढक गया हो और सर पर
ईंट मारकर बेहोश पड़ा हो, या केले, के बगीचे के जंगल के बीच होगा ।
अगर वहां जाकर छुपा होगा तो अब तक वया ज़िन्दा होगा ? हो सकता है,
जंगली सुअर ही उसे चट कर गए हों 17
विधवा बूड़ो मांतु के कानों में भनक पहुंची ।
उस तरफ भीड़-भाड़ देखकर पूछा, “क्या हुआ है जी ?”
उप्तकी बात का उत्तर किस्ली ने न दिया । विधवा मांतु की बातों का
कोई कभी उत्तर नही देता है ।
हाय में संडसी लिए बाहर निकेलकर दातों के डॉक्टर ने पूछा, “वया
हुआ 27
विलसन साहब की गाड़ी यमदुत की तरह सरसराती हुई भा रही थी ।
भीड़-भाड़ देखकर एक क्षण रोक ले, सो नहीं । वाप रे बाप ! गर्दन पर चला
देगा क्या ? भागो'**मभागो**“अहंकार से ड्राइवर झमीत पर प्रांव ही नही
रखता | लोगों की जमांत हटकर खड़ी ही गई भौर गाड़ी सांग्रं-साथं करती
करीब से निकल गई।
चलती हुईं गाडी से विलसन साहब को वुडबुड़ाहट सुनाई पढ़ी, “ब्लडी
स्वाइन **/
लोगों की जमात हर तरफ से धूम-धामकर अस्पताल लौट आई 1 एक-
एक कोना ढूढ़ मारा, लेकिन कही न मिला ।
कर्नल वाटसन गुस्से से उवलने लगे। मोटे घश्मे के अन्दर की आों की
आकृति स्पष्ट ने हुई।
सामने छड़ी मेद्रन कांपने लगी ।
“तुम लोगों ने कह्ां-कहां तलाश की ?” करनल वाटसन ने गंभीर स्वर
में पूछा | हुजूर का हुक्म मिलते ही उन लोगों ने कोई कोना बाकी न रखा।
शहर छान डाला है। चीनी मुहल्ला, मछुमा टोली, उत्तरी मुहल्ला, केले के
बगीचे सब***
ब्जदह्यज पर गए थे--जहाज़ के बन्दर बौर बाहर *?”
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