ज्यामिति की कहानी | Jyamiti Ki Kahani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
120
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)है जो दोनों भुजाओं पर खींचे जाएँ ।
किसी ने यदि हाईस्कूल तक भी ज्यामिति पढ़ी हो तो
उसे फौरन याद आएगा कि उसने इसी तरह का एक प्रमेय
अपनी ज्यामिति की पुस्तक में पढ़ा है । यदि संदेह हो तो
ज्यामिति की पुस्तक को खोलकर देख लिया जा सकता
है।
साथ ही, यह भी याद आएगा कि यह प्रमेय एक
जिशेष नाम से जाना जाता है । इसे पाइथेगमोर का प्रमेय
कहते हैं । ज्यामिति की पुस्तकों में भी इसका यही नाम
है। चूँकि ज्यामिति का मूल रचयिता यूक्लिड है, इसलिए
यूक्लिड की ज्यामिति की पुस्तक में भी यह प्रमेय मिलता
है (पुस्तक 1, प्रमेय 47) ।
एक ओर यूक््लिड का कहना है कि इस प्रमेय की
खोज पाइथेगोर ने की । ज्यामिति की. पुस्तकों में भी इसे
पाइथेगोर का प्रभेय”' कहा जाता है। दूसरी ओर हम
देखते हैं कि हमारे देश के प्राचीन शल्वसूत्रों में भी यह
प्रमेय हैं। अजीब उलझन है!
यह उलझन तभी सुलझ सकती है जब हम जानें कि
यूनान में ज्याभिति के अध्ययन का सिलसिला कब और
कैसे शुरू हुआ ।
ज्यामिति की कहानी /27
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