चित्तौड़ की चिता | Chittod Ki Chita

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Chittod Ki Chita by रामकुमार वर्मा - Ramkumar Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गा 11 पा ॒ । ही ग ] ६-1 4॥ न की चिता * कभी चपल्ा-छा चमक कृपाय करठ का करता आलिड्वन काल का निठुर सदायक घन चूम उर, ले लेता था प्राण ४८ च् बीर-मल्तक पर था शअद्वित, नारियों के कर का चन्दन, रक का उस पर शआच्लछादून, खान्ध्य शशि पर वारिद क्ोदित ४२ फ्र नेत्र थे दीरों के कुछ लाल, हे श्वेत भागों पर था रण-मद्‌ मिल्लन-अन्तिम में थे गदुगद्‌ वद्दी बनते थे क्ुद्ध कराल ६ 1 छोड कर घर खारा श्एन्ञार, फामिनी के कर फा सखड़ स्पशे चोरता फा रख कर आदर्श चीर देते रियु को लत्वकार ६० ० ही जया ॥ £-| 41: £] ॥व्या | 1]: बडा ॥]: >>1। ॥: व्यः दर्द पाच्याव्य्याप्यप्याएबबारड।इ का जाए :ाए-ज्फ्ख्य्यप्रत्यफकस्य। पग्म्ख्दात्यल्ायसा1151)52॥ प्रयाय्याध्यायायाधाश्याव्याय्यास्याव्याय्याव्यास्य्याध्य। ॥ [प् ऋय-सलयकातककए०275च्यपय घर ज्




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