भूर सुन्दरी विवेक विलास | Bhur Sundari Vivek Vilas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bhur Sundari Vivek Vilas by जयदयाल शर्मा शास्त्री - Jaydayal Sharma Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about जयदयाल शर्मा शास्त्री - Jaydayal Sharma Shastri

Add Infomation AboutJaydayal Sharma Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दर भूर सुन्दरी विवेक विलास। आअतएव इस बिपय में कुछ लिसना अनावश्यक है, द्वा यद्द खाभाविक बात है कि प्रन्‍्थ फा अवलोकन फर पाउकजनों को प्रन्थकत्तों के कुछ परिचय प्राप्ति के लिये अवश्य ह्वी उत्कण्ठा द्वोती है, अतएव मैंमे इस प्रभ्थ के सशोधन फे अतिरिक्त प्रन्थकर्नी श्रीआयाजी महोदया का सक्तिप्त जीवनचरित्र इस ग्रन्थ में अपनी ओर से इसलिये सयोजित कर दिया है कि पाठकजनों फो उक्त मद्गाठुमावा का कुछ परिचय भी श्राप्त हो सके । किश्व--पाठफों को यह भी प्रफट कर देना अवश्य है कि उक्त मद्दोदया का यह जीवन चरित्र मैंने अपनी विज्ञता के अनुसार तथा पृ ताछ्ठ कर लिखा दै; क्योंकि प्रन्थकर्न्नी महोदय ने तो पूछने पर भी अपनी चरित्र-घटना का छुछ भी विधरण भ्रकाशित नहीं किया | सत्य है; मद्गाठभाव किये हुये भी अपने कत्तेव्य का खय कथन नहीं करते हैं, ऐसी दशा में प्रन्थकर्त्नी महोद्या से जीवन-चरित्र-जेस में झुदि हेतु मुझे क्षमा प्रार्थना की भी कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। हो, उक्त मद्दोदया के चरित्रवेत्ता सज्जनों से मैं यह प्रार्थना अवश्य फरूमा कि इस जीवन चरित्र लेख में जो आुटिया ह्वों उनके लिये वे कृपया मुझे क्षमा प्रदान करं।।..' मैं इस पसन्न मे विद्यालरागी तथा धर्मनिष्ठ उत्र सज्जनो को अपनी ओर से विशुद्ध भाव से धन्यवाद प्रदान करता हू कि जिन्होंने इस अमूल्य प्रन्थ को प्रकाशित करने में आर्थिक सहायता प्रदान कर इसको भेंट रूप मे जनता के समच्तू में उपस्थित किया है ( उक्त सज्जनों की नामावलि अन्यत्र धन्यवाद-पूर्वक प्रदर्शित की गई है )। अस्त मे मैं प्रिय पाठक वर्ग से निवेदन करना चाहता हू कि इस ग्रन्थ के सशोधन में जो ज्ुटिया र्‌द्दी हों उनकी ओर ध्यान न देफर मुझे अशुशद्वीत करें, किम्बहुना विज्ञेपु ॥ निवेदक-जयद्याल शर्मा, * | (मूतपू्े सस्क्ृत प्रधानाध्यापक श्री डंगर कालेज) बीकानेर । छ् ली




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now