बालबोध व्याकरण भाग - 1 | Bal Bodh Vyakarna Bhag - 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : बालबोध व्याकरण भाग - 1  - Bal Bodh Vyakarna Bhag  - 1

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पन्नालाल बाकलीवाल -Pannalal Bakliwal

Add Infomation AboutPannalal Bakliwal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रम साग! उयञ्चनभस्वरं परर्णं नयेत्‌ ॥ २९ ॥ अभ्र-खरयहित च्यलनोकी अगले अत जोड देना , चाहिये । जैसे स+त+,९- = मूने नह नस +य नै ष्{न=प्रस्स्य ) कतिः त्‌+द्= गा + अः = श्रीकृष्णः) अनातिक्रमयस्‌ वि श्रप-म्लिषद्ये भक्रंफी (अनतिक्रमयन.) ८ दिटेपयेत्‌ › उदा च दर । इसको विशतेष्य कस्ते ई 0 ऊान्तिः= ॐ ~ , १1 दो व्णेके किसी पे में विक्रमा चने प्ते सन्वि कई सन्धि सीस परकारकी दरी ह खडर्न्य, वयन्जनसथि सौर विसमसंधि 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now