बालबोध व्याकरण भाग - 1 | Bal Bodh Vyakarna Bhag - 1

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Bal Bodh Vyakarna Bhag  - 1  by पन्नालाल बाकलीवाल -Pannalal Bakliwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रम साग! उयञ्चनभस्वरं परर्णं नयेत्‌ ॥ २९ ॥ अभ्र-खरयहित च्यलनोकी अगले अत जोड देना , चाहिये । जैसे स+त+,९- = मूने नह नस +य नै ष्{न=प्रस्स्य ) कतिः त्‌+द्= गा + अः = श्रीकृष्णः) अनातिक्रमयस्‌ वि श्रप-म्लिषद्ये भक्रंफी (अनतिक्रमयन.) ८ दिटेपयेत्‌ › उदा च दर । इसको विशतेष्य कस्ते ई 0 ऊान्तिः= ॐ ~ , १1 दो व्णेके किसी पे में विक्रमा चने प्ते सन्वि कई सन्धि सीस परकारकी दरी ह खडर्न्य, वयन्जनसथि सौर विसमसंधि 1




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