रीती - काव्य संग्रह | Reeti Kavya Sangrah

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Reeti Kavya Sangrah by डॉ जगदीश गुप्त - Dr. Jagdeesh Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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# रस-अलंकार-वास्त्र और नायिका-भेद रस-अलंकार-शास्त्र और नायिका-भेद संस्कृत काव्याचार्यों की तुलना में हिन्दी रीतिकाव्य के आचायं कवियों की उद्देद्य भिन्नता रीतिकवियों के प्रेरक एवं आधारभूत संस्कृत काव्यशास्त्रीय ग्रंथ रसनिरूपक ग्रंथ अलंकार निरूपक ग्रंथ विधविधांग निरूपक ग्रंथ निरूपण दोली मौलिक योगदान रीतिकालीन कवि और नायक-नायिका-भेद काव्यशास्त्र से नायिका-भेद का सम्बन्ध विकास के तीन सोपान कामशास्त्र का प्रभाव संस्कृत साहित्य में नाथिका-भेद का विस्तार रीतिकवियों द्वारा नाधिका-भेद की परम्परा का परिपालन एवं परिवघ॑न नाधिका-भेद का सेद्धान्तिक औचित्य तथा अन्य समस्याएं ६ रोति-काव्य की भाषा और रीतिकालीन छंद रीति-काव्य की भाषा फारसी भाषा का प्रभाव छंद-शास्त्र की परम्परा और रीतिक्रालीन छंद दोहा स्वेया क्च्सि अनुक्रम । ९ ९४-११ ९७ ट््ग १०० १०१ १०२ १०२ टूर १०३े. १०४ १०५ १०६ १०६ १०७ ल्‍ श्०्घ८ ११० ११३-ररप८ ११५ रू १२१९ २४ १२५ १२६




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