जूना जींवता चितराम | Juna Jeevata Chitaram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कक दर कम नण
2 हथा रे क
मौंखी महिथारो
भोर रो ठंडी वेढ्ा में भीखी घास-कूस अर छोड़ा वाक्कर भट्ट चेतन
फरतो । पेला सरधा सं, ठाकुरजी ने हाथ जौड़तो जिके सं के बैरी रुअगार
चोद्दौ चले ।
भीले री बहू बेर खने मती रे रा बीज, गई, जंवार अर चिणा
लाय'र मेलती |
भट्ट एक खानी, घर रे आगे चौकी ऊपर ही। खनेई मोकत्ठी खुल्ली
जागा ही जिंठै, बैरी बहू आपरी दुकान लगाया करती । चौकी माथे, घास-
फूस री एक छपरी छायोड़ी ही, छायां राखण सारू ।
इंण काम सूं निपट'र, भीख री वहू टावरां ने जगांवती | टावरां रा
काछाकुट उशियारा, लुक्खा केस, पासत्रयां दीखे, कई रे माये रे केस इसा
फतरियोड़ा जाणे भेड मूंडी जियोड़ी हुये | छोरी रा रींढा विखरियोड़ा अर मैल-
परसीण सं चिपियोइा |
फेर गृदड़ा सांदती, दावरां ने दिसा बैठांबती, बारां हाथ-मंडा धोंवती
अर बासी फूस-बारी काढृती ।
टात्रर, हरखांवता-इरखांवता, वाप खैन जाय बैठता | बाप किण तरे-
, पान सेके है, आ वात, आंख्या गडाय'र देखता । एकनबीजें स॑ आग चैठण
सार लड़ण-मगड़ूण लागता, आपस में, एक वीजेरा फेस खांचता अर चंटिया
चोड़ता । कामरी चेछा भीख इयारी बदमासी सं उफनर केती-चढछी आधडाई ।
फर चहू ते हेलो पाइ'र के तो-लेजा थारे कुण कयां ने ।
मा तड़कर केती-आधथा बढ़ी पीट पढ़ियां अर घींसर मांय ले
जोब्ितो । लुक्खा सोगरां रा डुकद्ञ तोइन्तोड'र एक-एक टुकड़ी सगद्ां ने
दुँबती | सीराण में लायां वे ओईज मिलते! अर इण स॑ ये राजी हुय जांच्ता।
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