रसायन संग्रह | Rasayan Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शसायनसंग्रह ड्
थीन वावा वा हरी काली साही--१४ भाग
भाजूफलके चूरेकी २०० भाग पानोम सिला आग पर चढाके
एक घण्टे तक उबाली, फिर उतारके छान लो। फिर उसमें
कसौस ४ भाग, लोहा चूरा ४ भाग और थांडासा अरक
जिसमें नोल श्राधा पाईट भर गन्धकका तैजाव ३ पौइट रहै,
मिला दो। यह स्याही लिखनेंके समय हरी दिखाई पडेगी,
फिर कुछ दिनमे कालो होजायगो |
लाल स्थाही--वेजिलउ्ड २ औस, फिटकरी ॥ औंस,
पानो १६ और,--इन सबको आग पर चढाके उबालोड़
जब द्याधा पानी रह जाय, तब उतारके छान लो। पोछेसे
॥ शौंस अरबवो गोंद मिला दो । यदि इसमें १॥ आस रेकटि-
फाईड स्पिरिट और आधा ड्राम कोचनियलका अरक सिला
दिया जाय तो यह स्थाही बहुतही सुन्दर दहोजायगी।
,।, किरसिजी लाल स्थाही---छाईकार एमोनिया
२ द्वास, कारमाईन ९ ड्राम, पानो ६ ड्रास, अरबो गाँद १०
ग्रेन। कारमाईन और नौसादरको पानोमे मिलाकर आग
पर घढाओ, जब उसको खार उ़ड जाय तब गोद मिलाओ।
बैगनी स्थाहों--पानो ११५० भाग, केमपोची १२
भाग, सब-ऐसिटेट आफ कापर १ भाग, फिटकरो १४ भाग,
अरबी गोद ४ साग। पहले पानोमें काठको उबालो। जब
अरक उतर आवे, तय और मसाले मिला दो। ४४ दिन
ड्सौ तरह रचने दो , तव कासमें लाओ।
, छदीं स्याही--..भठ औौस लागडडको ३ पौदट
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