रसायन संग्रह | Rasayan Sangrah

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Rasayan Sangrah by विश्वम्भरनाथ - Vishvambharnath

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शसायनसंग्रह ड् थीन वावा वा हरी काली साही--१४ भाग भाजूफलके चूरेकी २०० भाग पानोम सिला आग पर चढाके एक घण्टे तक उबाली, फिर उतारके छान लो। फिर उसमें कसौस ४ भाग, लोहा चूरा ४ भाग और थांडासा अरक जिसमें नोल श्राधा पाईट भर गन्धकका तैजाव ३ पौइट रहै, मिला दो। यह स्याही लिखनेंके समय हरी दिखाई पडेगी, फिर कुछ दिनमे कालो होजायगो | लाल स्थाही--वेजिलउ्ड २ औस, फिटकरी ॥ औंस, पानो १६ और,--इन सबको आग पर चढाके उबालोड़ जब द्याधा पानी रह जाय, तब उतारके छान लो। पोछेसे ॥ शौंस अरबवो गोंद मिला दो । यदि इसमें १॥ आस रेकटि- फाईड स्पिरिट और आधा ड्राम कोचनियलका अरक सिला दिया जाय तो यह स्थाही बहुतही सुन्दर दहोजायगी। ,।, किरसिजी लाल स्थाही---छाईकार एमोनिया २ द्वास, कारमाईन ९ ड्राम, पानो ६ ड्रास, अरबो गाँद १० ग्रेन। कारमाईन और नौसादरको पानोमे मिलाकर आग पर घढाओ, जब उसको खार उ़ड जाय तब गोद मिलाओ। बैगनी स्थाहों--पानो ११५० भाग, केमपोची १२ भाग, सब-ऐसिटेट आफ कापर १ भाग, फिटकरो १४ भाग, अरबी गोद ४ साग। पहले पानोमें काठको उबालो। जब अरक उतर आवे, तय और मसाले मिला दो। ४४ दिन ड्सौ तरह रचने दो , तव कासमें लाओ। , छदीं स्याही--..भठ औौस लागडडको ३ पौदट




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