नित्य - पाठ - दीपिका | Nitya - Path - Deepika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
647
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विश्य-पाठ-दौपिक्ा ] [ शिठिया छ॒ति पर दो शप्द
परश्तु इसके साथ ही यह मी रहा है किः--
पाठ मातरेय प्रथस्प, नेष खास प्रजापते।
धरे किप्तु सक्नद्धि, सम्पप्लामाय कश्पत 70
अ्र्थादा--धास््र में रद्दे झनुसार पतन करने से द्वी सम्प
शाम की प्राप्ति हा सकती है. ।
आशा है कि इस पुम्तक को सी सिदडासुगण अपन गुर-
सनो से पढ़-समरझ् कर नीर कीर पिश्रेष क्वारा सार मात
भृदए कर भूछ प्यूक कां क्षमा प्रदाश कर शपनी उच्तम शुम
सम्मति द्वारा ऋजुप्रहोत करेंगे ताक्ति नबोन झाषुत्ति के समय
रुमसे शाम जिया भा सके।
बरेली
रामनक्मी &६ | चिनीत ह
हुआ -उ-हुऊ प्रकाशफ
User Reviews
No Reviews | Add Yours...