प्रश्न व्याकरण - सूत्रम् | Prashn Vyakaran - Sutram

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Prashn Vyakaran - Sutram  by कन्हैयालाल जी महाराज - Kanhaiyalal Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्प १०५ शाडई भदासुणक्षा4 लाषश्षाक्ष ( सहान'दी ५डित भुनिश्रो छाटाक्ष भर्ाश०/ना 5पह्ेशथी ) १०६ ७, सो, अंताणेव आणीह्यस डे, इभार जुद्र जा्डीसग पहस १०७ २१, ड्रीसतवा। भगनक्षाक्षना स्मरण तेमना सपनो भेसर्स &रशहास शेन्ड प्रपसा तरशथी १०८ 9. सी, ऑन्ताभेनता स्भरणये छै, शलावसार नाथरहास जेरथपनदास १०८ श्री उभेह्थंह ॥5रशी हे यु, टी जेपाणी शेन्ड सन्‍्स ६९१० भू, भातुश्रीना स्मरणुयें छ!. लावसार सिाणीक्षा4 छणनक्षाकष १९१ शाड शांतीक्षाक_्ष भेडनकाल ११९२ सरस्वती युस्‍्तम्रभाउ२ छ।, अलुक्षस मडेता ११३ सरस्वती पुच्त॥ भाडर छ।, शछे सुरालाब आणीहास ११४ २३, पिताश्री भे।तीक्षा4०४ना स्मरणुएें) ७. भडेता रणु७तक्षा4०७ मेावीक्षा4० 65५रवाण। ११५ शे६ परसेन-तभद्स जमगभरसीनां पर्भापतनी २५, अुसुभणेनना स्मरण तथा जज, सी, सवीताणिेवना भासणमणुना निभित्त छै, शे॥ से।भयाह परसे।ततमहास ( पोटी सुध्यनवाणा) ११६ श्रीमान ब्वेशपर्भ३७०% घर्मायाद्र७७ इगरपाल राग्प९७छ आरेसआवाण। ( भ्ञनिश्री भांगीक्षाधष्टधना 8पहेशथी ) ११७ ७, घनशाएं पुरसे।त्तमधास ११८ सरस्वती पुस्त5 भार ११७ सरब्वती पुस्त८ भाड।२ १२० सरस्वती शड२ १२१ शे॥ णेश्क्षा8०७ सुणनका।९ ढह्युरवाणा १२२ शे& अनेयाक्षा4०७ सुराणु। 'पीपलेहावाणा १२३ 21भद्दर वाडीशा। इतीक्षा,्ष (आणरमती) १२४ डभारी यपाणेन लेणीक्षाथ सापसार १शप झुभारी उपाणेव #यतीक्षाक्ष सावश्षार प२९ झभारी थद्राणित व्स्यतीक्षाक्ष सावसार १२७ भारी व््यश्री रमणुथ्ाल सावसार - ह १२८ शार अआश्यासारए नपणाक्षाक्ष _ रथ २१ 3०१ श्प१ 3प१ २५१ २५१ २५९ ब्पा २५१ 3०१ २५१ २५१ 3५१ 3५१९ 3१५५१ २११ २५२ २५२ २८० के । रंड१प २५१, उप




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