नयी कविता | Nayi Kavita

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : नयी कविता  - Nayi Kavita

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about विश्वम्भर मानव - Vishwambhar Manav

Add Infomation AboutVishwambhar Manav

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रगतिवाद २५ प्रशतिवादी कवि व्यक्तियादी की भाँति सामूहिक हु।ख में अपने को अकेला नहीं पाता । सामूहिक हु!ख का सामना वह सामूहिक शक्ति से करता है । बह अपने को शेप संसार से कटा हुआ नहीं, एक सशक्त संगठन का श्रंग समभता है, श्रतः शाँसू के स्थान पर वह क्रोध से काम लेता है, शिड़गिड़ाने के स्थान पर वह तीखे व्यंग्य-नाण छोडता है' | प्रणुय सम्बन्धी समस्याश्रों के समाधान में भी जिसे सुलफाते वाला स्वयं व्यक्ति ही होता है, उसका दृष्टि- कोण शञ्रधिक स्वस्थ होता है | प्रगतिबाद हिंदी काब्य को अश्पष्यता शोर दुरूहता के श्रमिशाप से भी मुक्त कर सकता है। प्रीढ़ काब्य को में दुरूह काब्य नहीं समझता | उदाहरण के लिए शमचरितमानस और ब्रिहदरी सतसई में भाव और शैली सम्बन्धी गंभीरता को दोष के श्ंतगत नहीं गिना जा सकता। पर कबीर की उल्ग्वासियाँ, सूर के कूठ पद, केशवदास के कुछ छुंद, इधर का थोड़ा छायावादी काब्य एवं मनोविश्लेषण के आधार पर चलने वाले प्रयोगवादी काव्य का झधिकांश--विशेष रूप से बिहार के 'नकेनयादियों! का काब्य--- अस्पष्य और तुरूह काव्य के अंतर्गत आता है और किसी भी झाधार पर ऐसे काव्य की प्रशंसा नहीं की जा सकती | इसमें कुछ कबि तो सैद्धांतिक रूप से हुरूह होना पसंद करते हैं, कुछ योग्यता प्रदर्शन के मोह में बह गए हैं, कुछ अपने का की जठिलाता से विवश' हैं | श्राधुनिक २हस्यवादियों का यह तक कि उनकी अनुभूति ही कुछ ऐसी विलक्षण या अलौकिक है कि उसे लौकिक प्रतीकों द्वारा ठीक से व्यक्त नहीं किया जा सकता या प्रयोगवादियों का नए: प्रयोगों की सोंक में मन की शुत्थियों को ज्यों का त्यों रखने का क्ाअद, दोनों को यह अधिकार नहीं देता कि वे पाठक के सामने भूलशुलैया खड़ी करें | क्योंकि प्रगतिबादियों का जीबन-द्शन एक स्पष्ट दर्शन है; विशिष्ट बुद्धिजीवियों के स्थान पर जनता का यम छूना ही उसका लक्ष्य है, रत; आशा की जा सकती है कि वे अपने गंभीर उत्तरदायित्व को पहचान कर इस “गे के गुड़” आर 'फ्रायड' के मनो विज्ञान! दोनों से सामान्य पाठक को उबार सकेंगे | रे,




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now