यूनानी - सिद्धयोग - संग्रह | Yunani - Siddhyog - Sangrah

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यूनानी सिद्ध-योग-संग्रह ह ४ १०--शबेत बजूरी मोौतदिल द्रव्य और िर्माणविधि--- खरबृजाके बीज, खीराके बीज, ककड़ीके बीज, कासनी बीज, मिश्रयामूल ( सोफकी जड़ )--प्रत्येक ५॥ माशा, कासनीमूल ११। माशा । समस्त द्र॒ण्योंको यवकुट करके रातको जलमें भिगो रखें । सवेरे उबालकर छान लेवें। पीछे उसमें ६ तोला चीनी ( शकर सफेद ) मिलाकर चाशनी करें । मात्रा ओर अनुपान---४ तोला शर्बत, १२ तोला अर्क गावजबानमें मिलाकर पिलाएं । गुण तथा उपयोग--प्थमेह ( सूजाक ) के लिग्रे परम गुणकारी है । मूत्नल है। यकृत, वृक्क ओर बस्तिका शोधन करता है । शरीरमें शेष रहे हुए ज्वरांशको निवारण करता है। ११--हब्च जवाहर द्रव्य और निमाणविधि-- बबूलका गोंद ६ माशा, गिल अरमनी, जहरमोहरा ( पिष्टी )-प्रत्येक १७ तोला, वंशलाचन, मुक्ता ( पिष्टी ), श्वेत चन्दन ओर सूखी धनियाँ-प्रत्येक ३ ; बिनोलेकी गिरी, बादामकी गिरी-प्रत्यक $ तोला, कंसूरी कपूर ( काफ्र केसूरी ) ६ माशा । समस्त द्वव्योंकोी कूट-छानकर मुंगके दानेके प्रमाणकी गोलियां बनायें ओर उनपर चांदीका वरक चढ़ा ले । मात्रा ओर अनुपान-दो माशा गोलियाँ लेकर १५ तोला अर्क गावजबान के साथ सेवन कर । गुण तथा उपयोग-यह् उत्तमांगोंकों बलप्रद्‌ है, राजयक्ष्मा तथा उरःक्षतमें लाभकारी है आर पित्तातिसारकों रोकती है। '* १२--हब्ब जवाहर काफूर। ४४ ४: द्रव्य आर /नम/ण।वाध- अनबिध मोती, पन्ना, अनारके दानाकी आक्ृतिका रक्तृव्ण माणिक ( याकूत क्मानी ), जहरमोहरा, लाल ( छाल बदरूशाँ ), कहरुवा, ' श्वेत संगेयशब ओर कसूरी नकपूर ( काफर कसूरी )-प्रत्येक ३॥ माशा, अण्जबारकी जड़की छाल, गिल अरमनी ओर श्वेत चन्दुन-प्रत्येक २। माशा, मुलेदीका सत, बबूलका गोंद कतीरा, निशास्ता ( गेहुँंका सत ), अन्तधूम जलाया हुआ केंकड़ा, गुल निलोफर,




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