यूनानी - सिद्धयोग - संग्रह | Yunani - Siddhyog - Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
264
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यूनानी सिद्ध-योग-संग्रह ह ४
१०--शबेत बजूरी मोौतदिल
द्रव्य और िर्माणविधि---
खरबृजाके बीज, खीराके बीज, ककड़ीके बीज, कासनी बीज, मिश्रयामूल
( सोफकी जड़ )--प्रत्येक ५॥ माशा, कासनीमूल ११। माशा । समस्त द्र॒ण्योंको
यवकुट करके रातको जलमें भिगो रखें । सवेरे उबालकर छान लेवें। पीछे उसमें
६ तोला चीनी ( शकर सफेद ) मिलाकर चाशनी करें ।
मात्रा ओर अनुपान---४ तोला शर्बत, १२ तोला अर्क गावजबानमें
मिलाकर पिलाएं ।
गुण तथा उपयोग--प्थमेह ( सूजाक ) के लिग्रे परम गुणकारी है । मूत्नल
है। यकृत, वृक्क ओर बस्तिका शोधन करता है । शरीरमें शेष रहे हुए ज्वरांशको
निवारण करता है।
११--हब्च जवाहर
द्रव्य और निमाणविधि--
बबूलका गोंद ६ माशा, गिल अरमनी, जहरमोहरा ( पिष्टी )-प्रत्येक १७
तोला, वंशलाचन, मुक्ता ( पिष्टी ), श्वेत चन्दन ओर सूखी धनियाँ-प्रत्येक ३
; बिनोलेकी गिरी, बादामकी गिरी-प्रत्यक $ तोला, कंसूरी कपूर ( काफ्र
केसूरी ) ६ माशा । समस्त द्वव्योंकोी कूट-छानकर मुंगके दानेके प्रमाणकी गोलियां
बनायें ओर उनपर चांदीका वरक चढ़ा ले ।
मात्रा ओर अनुपान-दो माशा गोलियाँ लेकर १५ तोला अर्क गावजबान
के साथ सेवन कर ।
गुण तथा उपयोग-यह् उत्तमांगोंकों बलप्रद् है, राजयक्ष्मा तथा उरःक्षतमें
लाभकारी है आर पित्तातिसारकों रोकती है। '*
१२--हब्ब जवाहर काफूर।
४४ ४:
द्रव्य आर /नम/ण।वाध-
अनबिध मोती, पन्ना, अनारके दानाकी आक्ृतिका रक्तृव्ण माणिक ( याकूत
क्मानी ), जहरमोहरा, लाल ( छाल बदरूशाँ ), कहरुवा, ' श्वेत संगेयशब ओर
कसूरी नकपूर ( काफर कसूरी )-प्रत्येक ३॥ माशा, अण्जबारकी जड़की छाल,
गिल अरमनी ओर श्वेत चन्दुन-प्रत्येक २। माशा, मुलेदीका सत, बबूलका गोंद
कतीरा, निशास्ता ( गेहुँंका सत ), अन्तधूम जलाया हुआ केंकड़ा, गुल निलोफर,
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