यूनानी सिद्ध योग संग्रह | Younani Sidh Yog Sagrah

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Younani Sidh Yog Sagrah by वैद्यराज बाबू दलजीत सिंह- Vaidyaraj Babu Daljeet Singh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about वैद्यराज बाबू दलजीत सिंह- Vaidyaraj Babu Daljeet Singh

Add Infomation AboutVaidyaraj Babu Daljeet Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
यु जू-याग-सग्रह र्‌ 6 ज्करककार १ १--छुसे काफूर ठुछ॒वी द्रव्य और निर्माणविधि- अनविध मोती, चंगाठोचन, कतीरा, गेहूँका सत ( निशास्ता )--प्रत्येक ९ मादा; शुलाबका फूल, सफेद चन्दन, निलोफरका फूल, सूखी घनियाँ, रक्तचन्दन, 'छिले हुए खुरफेके बीज, तरवूजके बीजकी गिरी, सीटे कह के बीजकी गिरी-- प्रत्येक एक तोला देढ़ माशा ओर काफूर कैसूरी ( कपूरका एक भेद ) र। साशा । इनको कूट-छानकर इसबगोठके ठबाबमें घोटकर चक्रिकाएँ बनायें । मात्रा और अज्लुपान--४ मादेकी सात्रामें उपयुक्त अजुपानसे सेवन करें । गुण और उपयोग--तीघ्र ज्वर, राजयच्मा ओर उरःक्षत एव इनसे होने- चाले अतिसारमें उपयोगी है । २--छुस तवाशीर मुलय्यिन अप द्रव्य आर चिमार्थाविधिन- चद्चछोचन श्वेत ( तबाणीर सफेद ) १ तोला २ मादा, खुरासानी तरजबीन ( खुरासानी यवासचर्करा ) १०॥ साशा, गेहूंका सत ( निशास्ता ); मीठे कद के घीजकी गिरी, खीरा ओर ककडीके वीजकी गिरी, बूलका गोंद ( समग अरबी ) कतीरा; पोस्तेका दाना--प्रत्येक डे॥ सादा । इनको कूट-छानकर इसबसोलके छवावमें टिक्िया बना लें । सात्रा ओर अदुपान--७ मादा यह ओपध खाकर ऊपरसे € साझा गाव- जवानका जर्क ( जर्क यावजवान . पी लेवें । गुण और उपयोग--राजयन्मा, उर-क्षत, सिजादी बुखार ( तपे मुदरिका 2; झुष्क कास और सीनेकी कर्कणताके लिये परमोपयोगी है; सदुसारक ओर सताप- हारक भी है एवं वृपाको भी दामन करता है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now