प्राचीन भारत के आधुनिक इतिहासकार | Prachin Bharat Ke Aadhunik Itihaskar

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Book Image : प्राचीन भारत के आधुनिक इतिहासकार  - Prachin Bharat Ke Aadhunik Itihaskar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय तीन विसेण्ट आर्थर स्मिथ ( १८४३-१९२० ) उनीसवी शवाब्दी में सर विल्यिम जोःस, एच० डी* कोलबूक, चात्से विल्किस, एच० एच० विल्सन, जेम्स प्रिंसेप, एफ० भैव्समलर और जनरल कर्तिघम आदि थोरोपीय विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास के लेखन का काम प्रारम्भ किया पया । इसके पश्चात कनल ठाड, जी० डफ, एह्फिस्टन और धी० ए* स्मिथ आदि ने इसमें अभिवृद्धि की 1 स्मिथ मे १९०४ में अपने प्रसिद्ध प्रय अल हिस्द्री ऑफ इण्डिया को प्रकाशित कराया। इसमें ३०० ई० पू० से छैकर मुस्लिम आक्रमण तब का राजनीतिक इतिहास प्रस्तुत दिया गया पा। इतने लम्बे कालखण्ड गा राजनीतिक इतिहास प्रस्तुत करने वाली यद्द प्रधम रचना थी। इसमें स्मिय ने उस समय तक ने उपल्ध सभी पुरातात्तविक, मौद्रिक, आमिलेखिक एवं साहिरियिद' साक्ष्यों या विद्वत्ताएण उपयोग किया था । इसके अतिरिक्त स्मिय ने भारतीय इतिहास थी जा सवा दी उत्तके कारण बे प्राचीन भारत वे एब्यप्रतिष्ठ आधुनिब' इतिहासकार वे रुप में जाने जात हैं। विस्ेण्ट आधैर स्मिप भा जम १८४३ ई० में डबछिन में हुआ था । प्राचीन बस्तुओ के खोजी आयरिस पिता वे तेरह बच्चो में से ये पाँचवें थे । 3 दॉने इवल्नि गौर आारेसफोड से अत्यात योग्यवापूण मास्टर डिप्रौ लेने के पप्चातु डबलिन वि्वविद्यालय से डी० लिट्‌ ० की उपाधि शी 1 इसके प*चातू १८७१ पे थे इण्डियन सिविल सर्विस ( बराई० सी* एस० ) भी सेवा में भा पये। अपने उत्तरदायित्दों था सफल निर्वाद शर्ते हुए स्मिप ने भारताय इतिह्ाप्त के अध्यपन एवं अनुसंधान में भी सलग्न रहबर अपन को एबं भारतीय इतिहासकार मै झूप में भी प्रतिछ्ठतत क्या ! दे छादन में राय एशियाटिक सोसाइटों के सदस्य, इलाहाबाट विश्वविधालय के पेछो ओर आारसफाड ब इण्डियन इन्हटोटयूट से भी सम्बद रहे । हिम्रप को महत्त्वपूष हृतियाँ ह्मिप ने छएगभप ५० दर्दों तर मारतों विद्या ( दृष्डोशॉजी ) शी महरद- पुध सयां को । परिणामस्वरूप उनके अनक प्र-य एय ऐश प्रदाशित हुए जिनमे है निम्नलिखित प्रमुस है--




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