धर्म शर्माभ्युदय | Dharmasharmabhyudaya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
438
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महाकविश्रीहरिचंद्र - Mahakavishriharichandra
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न्अिनीनिनगगभगन>-नननननप नमन न न ननन-- नियम - मनन न तन नमन मना ननमननननननन पतन लाल गन न न नमन नमन न---ननन नम नमन थक न+-य घना नम समन नव कण न
च्र्म्स्ण्ण्ण्ण्य्भ्य््स्न्श्य्य््य्य्स्य्य्स्प्ण म्फ्स्य्त्ख्य्प्र
््ट म्स्ट स्स्स्य्य्य्ण्ण्य्य्य्य्य्भ्ल्स्य्य््भ्य्स्य्य्भ्य्य्भ्य्य्य्य्य्स्स्य्य्भ्प्््यस्ण्भ्य्य्य्य्भ्ज्य्स्ञ्स््ः
स्थ० पुण्यश्लोका माता मृतिदेवीकी पवित्र स्ट्वतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तरप्रसादजी द्वारा
संस्थापित
भारतीय ज्ञानपी& मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला
#
इस अन्थमालाके अन्तगत प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश्ष, हिन्दी, कन्नड़, ठम्रि आदि प्राचीन मापाभोमें
डपलव्घ आगमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक जादि विविध-विपयक
जैन-साहित्यका अजुसन्धानपूर्ण सम्पादन तथा उसका मूछ और यथासस्मच
अनुवाद भादिके साथ प्रकाशन हो रहा है। जेन मण्डारोंकी
सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-
अन्य और छोकहितकारी जेन-साहित्य अन्ध भी
इसी अन्थमालामें प्रकाथित हो रहे हैं ।
के ०७-५७)
पाक -
प्रन्यमाला सम्पादक
डॉ. होरालाल जैन, एस. ए., डी. लिद्,
डॉ. आ, ने. उपाध्ये, एम. ए., डी. लिंद
प्रकाशक
भारतीय ज्ञानपीठ
प्रधान कार्यालय : ३६१०।२१, नेताजी सुमाप मार्ग, दिल््की-६
प्रकाशन कार्यालय : दुर्माकृण्ड मार्ग, चाराणसी-५
मुद्रक : सन््मति मुद्रणालय, दुंगकिण्ड मार्ग, वाराणसी-५
>> ि: ७2५2५?्ल्स्ल्स्स्ससससललनलततततत
घीर नि० २४७० # विक्रम सं० २००० ७ 14 फरवरी 1५४४
सर्वाधिकार सुरक्षित
2 42224: 2:
#न अर
« , » स्थापना : फाल्युन कृष्ण ५,
कं
User Reviews
No Reviews | Add Yours...