ओम ए हिस्ट्री ऑफ वैदिक लिटरेचर वोल.१ भाग २ | Om A History Of Vedic Literature Vol 1 Part 2
श्रेणी : पौराणिक / Mythological, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29.64 MB
कुल पष्ठ :
314
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पंडित भगवद्दत्त - Pandit Bhagavad Datta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कर दा किए अर 7 सदी कल कदर कं बियर नव पे विन टिक नर के नर पिन पाक बा या दर समिट का ये न का कर ननन्ट न सापटगर कि 5... कमिटी मेरे अर ददमनलवनय न सु अपना डा टन टिटटन लय पर व 22 डी किजमन्यट सन ८ सन्दन् 222. रा दा पर व न ् वैदिक वाडमय का इतिहास भा० १ ख० २१ (ख) १३वीं शताब्दी का केशवस्वामी अपने नानाथाणंवर्संक्षेप भाग १ प्र० ८ पर लिखता है-- ं _ छयोस्त्वश्व तथा ह्याह स्कन्दस्वास्युक्त भूरिशः । माघवायायेस्रिश्व को अयेत्युि भाषते ॥ अर्थात् दोनों लिट्टों में गो शब्द का घोड़ा अर्थ हैं । इसी प्रकार अनेक. ऋषचाओं में स्कन्दस्वामी ने घोड़ा अथ किया है और विद्वान माधवाचा्य ऋ० १८४1१६॥ में यही अर्थ करता है । (ग) १२वीं शताब्दी अथवा इस से कुछ एवं का. वेक्नटमाघव लिखता है-- साष्याणि वैदिकान्याइरायावतनिवासिनः । क्रियमाणान्यपीदानीं निरुक्कानीति माधवः ॥८॥। स्कन्द्स्वामी नारायण उद्दीथ इति ते क्रमात् । चक्रः सहैकस्ग्भाष्ये पद्वाक्यार्थगोचरम् ॥&॥ अथीत् स्कन्द्खामी नारायण शऔर उद्दीथ ने मिल कर एक ऋग्वेद भाष्य रचा । ः स्कन्दभाष्य पहले भागों पर नारायणभाष्य मध्य भाग पर और उद्बीथ- भाष्य अन्तिम भाग पर है । (घ) लगभग ११वीं शताब्दी का उपाध्याय कके अपने कावत्यायन श्रौतसून्रभाष्य ८।१८१॥ में हरिखामी को उद्घ्त करता है । आचार्य स्कन्द- सखामी हरिस्वामी का गुरु था । इसलिंथ स्कन्दस्वामी भी दशम शताब्दी से पूर्व का अवश्य ही होगा । यदि ऋग्वेदीय सम्प्रदाय के अधिक ग्रन्थ मिल जायें तो उन से हरि स्वामी के पूर्वोक् कथन की सत्यता अवश्य प्रमाणित . होगी । वस्तुतः हरिस्वामी का अपना लेख ही उस का काल निधारित करने के लिये पर्याप्त है । अतएव इस नियत नव १ सन् १६२८ की ओरिएण्टल कान्फेंस में इस प्रमाण की ओर मैंने विद्वानों का ध्यान दिलाया था । २. ऋगथदीपिका अ्टक ८ अध्याय ४ की भूमिका | कक बा अ.ण व उस्कटन् नाना एक किया नि डमार पु पक कर ८ पर पा - की कक कि वन कल लि दे अपर जल न
User Reviews
No Reviews | Add Yours...