पं॰ जवाहरलाल नेहरू | Pt. Jawaharlal Nehru

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Pt. Jawaharlal Nehru by इन्द्र विद्यावाचस्पति - Indra Vidyavanchspati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(३) राजनीति मे प्रवेश घर लौट कर जवाहरलालजी का वही रईसी ७ज्ञ का भीरस जीवन व्यतीत होने लगा, जो प्राय पिज्नायत से बैरि- स्टरी पास करफे आने पाले भारतवासियों फा हुआ करता है। आनन्द भयन में कसी चीज़ की कमी नहीं थी। पं० मोतीक्षाजजी पर लद्मी बरस रही थी । आानन्द-भवन में आमोद प्रमोद की सब सामग्री विद्यमान थी। कमाई की भी बहुत चिन्ता नहीं थी, क्‍योंकि कमाने को पिता द्वी बहुत थे। जवाध्ख्षाज्ती फा समय कचदरी और आगमोद प्रमोद में घटने लगा | इस दिनचर्या को तोडने फे लिये कमी कमी शिकार को 3 ये तो वर्दा जवाहरज्ाल्लती का प्रश्न, फाये




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