पं॰ जवाहरलाल नेहरू | Pt. Jawaharlal Nehru
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
136
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about इन्द्र विद्यावाचस्पति - Indra Vidyavachspati
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(३)
राजनीति मे प्रवेश
घर लौट कर जवाहरलालजी का वही रईसी ७ज्ञ का
भीरस जीवन व्यतीत होने लगा, जो प्राय पिज्नायत से बैरि-
स्टरी पास करफे आने पाले भारतवासियों फा हुआ करता
है। आनन्द भयन में कसी चीज़ की कमी नहीं थी। पं०
मोतीक्षाजजी पर लद्मी बरस रही थी । आानन्द-भवन में
आमोद प्रमोद की सब सामग्री विद्यमान थी। कमाई की भी
बहुत चिन्ता नहीं थी, क्योंकि कमाने को पिता द्वी बहुत थे।
जवाध्ख्षाज्ती फा समय कचदरी और आगमोद प्रमोद में
घटने लगा | इस दिनचर्या को तोडने फे लिये कमी कमी शिकार
को 3 ये तो वर्दा जवाहरज्ाल्लती का प्रश्न, फाये
User Reviews
No Reviews | Add Yours...