छूत और अछूत भाग २ | Chut Aur Achut Bhag 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.13 MB
कुल पष्ठ :
151
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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“ झब कटपना करो कि पक मनुष्य नदी के किनारे गया। उसे
किसी काम के लिए उस पार जाना हे। तय घद्द यदि प्रार्थना
करे कि, दे किनारा, तू मेरी ओर आ, तो क्या चद्द उस पार का
किनारा उसकी प्रार्थना के कारण उसके पास आा जावेगा? बस,
इसी प्रकार के ब्राह्मणों के माग हैं । ये उन गुर्णों को नहीं अपनाते
जिनके कारण मनुष्य श्राह्मण बनता हैं । किन्तु थे. कहते हैं, दे
मं तेरी प्रार्थना करता हू., दे सोम, में तेरी ार्थना स्तुति
करता टं; दे चरण, में तुम्दे चुलाता डर; हे ब्रह्म । मैं तुम्दारे गुण
गाता €ं 1! परन्तु यद कहना व्यर्थ दे कि पसा करने से मरने के
पश्चादू उन्दें घरह्म की भाप्ति दोगी, या वे ब्रह्म में लीन हो जायेंगे ”
कल्याणों घम्मों अ. ४९
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