श्री पुरंदरदास के भजन | Purandardas Ke Bhajan

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Purandardas Ke Bhajan by बाबुराव कुमठेकर - Baaburav kumathekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है ३06 ३०, देश, देर, ३३. ४. ३५, रद, ३७८ उठ, द€, च् ४१. ४२. ४३. , . देखा सपने में मैंने ४७, ४८. बट. पति १, भर. भू. पुर, जग, र्च्द : _ विषय-सुची -झ्रप्तांक भजन २४५४. २६. २७. या, २६. भज वदना मांग मैं गुरु उपदेश गोपी देवी की भांति गोविंद गोविद गोविंद कहो रे चल श्राश्रो जय मंगल जहां हरि कथा प्रसंग जोजोजो जो जो श्रीकृष्ण तन पे पानी डाल तु क्यों रे तेरी-- तू ही दयालु-- तैरना चाहिए दया करो दया करो दया न श्राती क्या दास कंसा बनूं दास बना लो देख देख के मुभे देख तुझ को धन्य हुआ देखा मैंने गोंविद को देखो रे कल्प समूह दे मुभे दिव्य मती धन्य हु्रा मैं धर्म ही विजय है नंद नंदन मुकूंद ना छोड़ तव चरण ना जाश्रो रंग नारायण तव नाम नारायण हे नमो पुष्ठांक र€ डे र्णे्रे १०९ € रू २८ ३४ पड ८० श्ण्प रन दर रद ४० “की दर ् न १२० श्र २१६ दे€ १२० ११३ ४७ <२ ४७ श्€ भजनांक रृ ् ६८ १२ | ७९ १०८ र प्र रे पे १७ रेड ८ € २८ रेरे हे: दि. की २७ &€ १०० €७ २६ रे भर ९० १९ . दि ४5 , सु रे




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