धर्म दर्शन | Dharm Darshan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Dharm Darshan by बाबूसिंह चौहान - Babu Singh CHAUHANशुल्कचंद्र जी महाराज - Shulk Chandra Ji Maharaj

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

बाबूसिंह चौहान - Babu Singh CHAUHAN

No Information available about बाबूसिंह चौहान - Babu Singh CHAUHAN

Add Infomation AboutBabu Singh CHAUHAN

शुल्कचंद्र जी महाराज - Shulk Chandra Ji Maharaj

No Information available about शुल्कचंद्र जी महाराज - Shulk Chandra Ji Maharaj

Add Infomation AboutShulk Chandra Ji Maharaj

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
११ कारण मनुष्य समाज से सनुष्यव्व की प्रति्ा स्थापित हुई । परन्तु मनुप्यत्व केवल अहिंसा पर दही तो आधारित नहीं हैं । उसके लिए अन्य सिद्धान्त भी है । हम केवल अहिंसा को अपनाकर ही पूर्ण मनुप्य नहीं वन सकते । हमे मनुष्यत्व के अन्य सिद्धान्तो को भी स्वीकार करना होगा । तीथड्टरो, जिन्हें जिन के नाम से भी पुकारा जाता है, ने मनुष्यत्व के लिए कुछ ओर भी नियम बताए, उन सभी नियम के पालन कर्ता, अथवा जिन मापित सिद्धान्त को जीवन में उतारने वाले “जैन” कदलाए। महावीर स्वासी ने मनुष्य के लिए आवश्यक सभी नियसो तथा उपनियमों की व्याख्या को ओर प्रेरणा दी कि हे मनुष्य ! तू अपने कल्याण के लिर इस मार्ग को अपना । उनके वत्ताए हुए नियमों से संकीर्शाता नहीं, वे मनुष्य समाज मे किसी श्रकार के सेठ-भाव और पक्षपात की 'लकीर” नहीं खींचते । वे ऐसे नियम हैं जिनका पालन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति, चाहें अपने को जेनी कहे अथवा न कहे, पर “श्रेष्ठ चन जाता है, और सनुप्य समाज से अ्रति्ठित स्थान पा सचना है । वे सभी सिद्धान्त, नियम तथा आदशे शास्त्रो से ञाज भी उपलब्ध हैं । जिन सापित सिद्धान्तों को सानने वाले उाज भी हमारे देश से कितने ही लोग हैं, मुनिगण आज भी प्रतिदिन उन सिद्धान्तों के प्रचार में रत हैं, आज भी उन शास्त्रों का पाठ किया जाता हैं, पर महावोर स्वासी मनुष्य को जैसा देखना चाहते थे. जस प्रकार का वनने की उनको इच्छा थी, वेँसे मनुष्य झ्माज कम हो सख्या से दिखाई देते हैं और दाज यह पहुचानना कठिन हो गया है कि जैंनी कोन है आर अजैनी कोन ? आर्य कोन है आर अनार्य कोन ? क्योकि जैंनी दौर अजैनी, आये और अनाये, दोना ही एक ही प्रकार का जीचन व्यतीत कर रहे हे । भोग, विलास, घनोपाजन और स्वाथं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now