भारत के प्राचीन राजवंशभाग 3 | Bharat Prachin Rajvansh Bhag 3

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharat Prachin Rajvansh Bhag 3  by श्रीयुत विश्वेश्वरनाथ रेउ - Shri Vishweshwarnath Rau

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पण्डित विश्वेश्चरनाथ रेड - pandit vishveshcharnath Red

Add Infomation Aboutpandit vishveshcharnath Red

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
च् भारतके प्राचीन राजवंदा और राष्ट्रवर्य दाब्दोंकी रचना की गई होगी और इसी प्रकार राष्ट्र शब्द- के पहले महा उपपद लगाकर इस जातिसे दासित प्रदेशका नाम महाराष्ट्र ख्खा गया होगा । उपर्युक्त स्थानोंके लेखोंमिं राष्ट्रकूटोंका नाम होनेसे भी प्रकट होता है कि ये छोग उत्तरसे ही दक्षिणमें गए ये क्यों कि ये स्थान हिन्दु- स्तानके उत्तर-पश्चिमी प्रदेशसे मिठते हुए हैं । मयूरगिरिके राजा नारायण शाहकी सभामें रुद्रनामका एक कवि था। उक्त राजाकी आज्ञासे उस कविने झाक संब्त्‌ १७१८ ( बि० सं० १६५३-ई० सं० १५९६ ) में राट्रौरबंशमहाकाव्य नामका एक काव्य बनाया था । इसके प्रथम सर्गमें लिखा है --- स्ट् # अछक्ष्यदेहा तमवोचदेघा राजन्ञसावस्तु तवैक सूचुः । झनेन राष्ट्रें च कुल तचो दें राष्ट्रो( प्ट्री )ढ नामा तदिद प्रतीतः ॥२९ ॥ अर्थात्‌ --( लातनादेवीने ) आकाशवाणीके जरियेसे उससे कहा कि हे राजन्‌ यह तेरा पुत्र होगा और इसने तेरे राष्ट्र ( राज्य ) और कुछका भार उठाया है इसलिये इसका नाम राष्ट्रद होगा । राष्ट्रकटों और गदड़वालोंका वंश । यद्यपि विक्रम संबत्‌ ९७० तकके ताम्रपत्रों आदिमें इनके सूर्य या चन्द्रबंशी होनेका कुछ भी उल्लेख नहीं है तथापि पहले पहल [१] जिस अकार सालव जातिसे शासित प्रदेशका नाम मालवा और गुजर जातिसे शासित प्रदेशका नाम गुजरात हुआ उसी प्रकार राष्ट्रकूट जाति- से शासित प्रदेश दक्षिण काठियावाड़का नाम सुरा्ू ( सोरठ ) और नर्मदा और मद्दानदीके बीचके देशका नाम राट हुआ होगा । तथा राटको ही बादसें लोग लाटके नामसे पुकारने छगे हैं । ( गुजरातके ऊपरका वह भाग जिसमें अली+ राजपुर झाबुआ आदि राज्य हैं शायद राठ नामसे प्रसिद्ध है। ) गिरनार पवेत परके स्कन्दगुप्तके लेखमें भी सुरठ प्रदेशका उल्लेख है। इस प्रकार राष्ट्र डा है खशष् ( सोरठ ) और मद्दाराष्टू अ्रदेश राष्ट्कूटोंकी ही कौर्तिकाः कराते हैं।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now