आर्थिक सफलता | Aarthik Safalta
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.01 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पंडित शिव सही चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश के सागर जिले के देवरी नामक गांव में हुआ था | इन्होने कई पुस्तकें लिखीं किन्तु समय के साथ साथ उनमें से कुछ विलुप्त हो गयीं | ये एक अमीर घराने से थे और बचपन से ही कला में रूचि रखते थे |
इनके वंशज आज जबलपुर जिले में रहते हैं और शायद ये भी नहीं जानते कि उनके दादाजी एक अच्छे और प्रसिद्ध लेखक थे | इनके पौत्र डॉ. प्रियांक चतुर्वेदी HIG 5 शिवनगर दमोहनाका जबलपुर में निवास करते हैं |
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मानसिक झुका 1 श्र
सौर तुम्दोर मनमें भी सफटताकें विचार दौड़ने छगेंगे । यदि सुम
फिसी ऐसे रथानकोा जामे। जा शोक या दु:खसे व्याप्त हो, तो बह्ढी
जाफर तुम भी उसी तरद गमीर और शोकयुक्त बन जामेंगि ।
कई टोग निष्फटता, साइसद्ीनता और * इम नहीं कर सकते
की रोनी सूरत डिए किरा करते हैं । क्या ऐसे ठोगोका असर
तुमपर नहीं पढ़ता ? अब्र्प पढ़ता है । इसी तरह. साइसी
निरिचन्त दर कर्मशीट पुरी सगतिसे लोगोंगे नया जीवन,
नपा उत्साह सर नया बड़ आता है । एक रामी सूरतंक आादम्मीरं।
तुम अपने सामने खां पर! पर फिर देग्दे कि तुम्टार सनमें कस
भाव उठते है--तुमपर उसका कैसा प्रभाव पढ़ता है ” प्रत्येव,
सादमी एक हरदकी +दवासि घिरा रहता ६ । यह हवा अपने विचार
जीर मानसिय झुकाबवे; अनुरूप टुआ करती ६ ।. अमेरिका, एव,
प्रा्तिद्ध परिद्धानू एमरसन साइव फहते है. कि-'' जब एक स्वस्थ
चिच बार निमेट ददय पुरुष अपने मनमें किस मठे विषयक
विचार या चिस्तबन परत है, तब यह विचार सारा दुनियंमरको
भा बनाता | बटुचा हम टगोंका एक ही नजरमें पसंद या नाप-
+ साधुनसंता, महापुरषी था. आयाप्याय मुलमभ्शलपर जो ल्ज दा
भ्रहदा दिखाई देता दे, उसे दिस्दुचर्ममे * तजस' जरपें हमें * सोःगेह
सर इंसाई पे * नोकस ' * आार्े्। * * हूंदी या करे कल ।
बादल, दिशानदेला इसे * भोटाइल या. टेप तप 271 बबइ!
रताध्तपच बॉवाजकुदित्यर बहने द (इस दिएमका पटना सोप देर
राइुबन बने विदा दा ये लत्दददाल रसादसदद रु, गुरू भट दिदारम
उतहा बनुमोदन विदा । एपीरए'्के, झादा देह भर बा. हप्पू,
पब बइ दे उमे सप्मत थे । बत्में इग्टइस से भर बरामदपेद
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