भरत का संगीत - सिद्धान्त | Bhrat Ka Sangeet Siddhant

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Bhrat Ka Sangeet Siddhant by कैलास चन्द्र देव ब्रहस्पति - Kailas Chandra Dev Brahaspati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उद्धरण-संकेत १ अ०, अध्या ० अध्याय २ अ०्भा० अभिनवभारती ३. अभिनव ० ही ४ उअझ०्स० अडयार-सस्करण ५ झा० कि आचार्य्य ६ क०टी० समीतरत्नाकर की कल्लिनाय-कृत टीका ७. कंल्लि० ही ८ का० प्र॒० काव्यप्रकाद ९ का० प्र० टी ० काव्यप्रकाश की वामनकृतत टीका १० फारि० कारिका ११ का० स० कानी-सस्करण १२ गा० स० गायकंवाड सी रीज-सस्करण श्३इ ताला० तालाध्याय १४ तुैत्ति० प्राति० तैत्तिरीय प्रातिशास्य १५ ह्वि० द्वितीय १६ घ्व० घ्वस्यालोक १७ नान्य० नान्यदेव १८ ना? शा० मरतनाटूयशास्त्र १९ पण्डित० पण्डितमण्डली २० परि० परिच्छेद २१. प्रकी ०, प्रकीर्णका ० «.. प्रकीर्णकाव्याय २२ प्रव० प्रवन्वाव्याय २३ व०स० « « .... बम्वई-सस्करण




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