अंग्रेजी शिक्षा भाग 2 | Angreji Shiksha Bhag - 2

Angreji Shiksha Bhag - 2 by पंडित हरिदास - Pt. Haridass

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बाबू हरिदास वैध - Babu Haridas Vaidhya

Add Infomation AboutBabu Haridas Vaidhya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(7) पदवियाँ बड़े अज्तरसे शुरु डोनो चाहिये वु्ततेफ़ा तुत्तताकश िण््ते फपिपि 0 कैप 14070 फल घर ता एघा टिक रिव्तछी जिला छा 66 कैश का फृपा रिन डी. वि. जि पृ (५). जो चोज़ें जोवंधारो को भाँति समभलो जायेँ या नसानकी तरह करार दौ जायें उनके नाम भी बड़े - अतक्तरोंसे शुरु करने चाहियें. जेखे 0 10600 पएएा- छाः6 15 ५19 802 १ मौत कोई जोवधारो या इन्सान नहीं है मगर यहाँ ऐसा हो समान लिया. गया है गोया मौत जोवधारो है भ्रौर उसको संस्वोधन करके कहा गया है। दे मौत तेरा डडः कहाँ है ? इन्सान करार देने के संबब से हो 10680. शब्दको 1? बड़ी लिखी गयो है । (६) बोर और महोनोंके नांस चौहें वे जुमलेके आ दिमें लो चाहें बोचंमें हों श्रीर चाहें अभ्तमें हों सदा बड़े अत्तरसे शुरु वारनें चाह्यें जसे 1 19४6 ए0 16 पिता हा ए8 पत्र + पी घी घो फिध 0681. & एड हाताए6 और) इसका खुलासा मतलब यद् - डै कि छपपाते घर फैणएघ8त इत्यादि सातों बार और व छएप्रशाफ िछीभ एस हु इत्यादि बारहों मरी ने चाहें जहाँ भ्रावें सदा बड़े अ्तरसे शुरू करने - चाह्ियें । ऊपर देखलो 110घ5-और 177 जुमलोंके अन्त सें भ्राने पर भी बड़े भ्रल्तरोंसे शुरु किये गये हैं । डे




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now