बच्चे कहाँ से आते हैं | Bachche Kahan Se Aate Hain

Bachche Kahan Se Aate Hain by द्वारका प्रसाद - Dwarka Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ग्रिड ्. ता करीब करीब मेठक कि. लिबलतन न्डा बच्चा जन्म के समय मेढक का बच्चा मेढक से बिल्कुल भिन्न होता है मिलता-जुलता । चल्कि चद्द देखने से सछली के वच्चे की तरह लगता है । उस समय उसके दुम होती है पैर नददीं होते और चह पने गलफड़ों से सांस लेता है.। जैसे-जैसे वद्द बड़ा होता है उसकी दुम कम होती जाती है पेर निकल आते हैं. और मछली जैसा दीखने के वद्से वह सेटक जैसा हो जाता है और पानी के बाहर झा जाता है । चिड़ियों का भी यही हाल दे । झंडा छोड़कर वाहर आ जाने वासे पिड़िया के बच्चे को तुम चिड़िया तो समझ सकते दो लेकिन अपने मॉ-चाप से वह इतसा सिन्न होता है कि ठीक पहचाना नहीं जा सकता चहद किस चिडिये का बच्चा हूं । कुछ वच्चों के शरीर




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