दादू दयाल की बानी (पद्य) [भाग 2] | Dadu Dayal Ki Bani (Padya) [Part 2]

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Book Image : दादू दयाल की बानी (पद्य) [भाग 2]  - Dadu Dayal Ki Bani (Padya) [Part 2]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सूचोपत्र शब्द मतवाले पंचें प्रेम पूरि मधि नेन निरखेँ सदा मन चंचल मेरा कह्यो न माने मन निंमंल तन निर्मल भाई बक पक»... पक मन पवना ले उनमन रहे मन बावरे हे झनत जिनि जाइ मन बेरागी राम कौ मन मतिहीन घरे सूरख सन मन माया रातों भूले मन मूरिखा तें क्या कीया मन मूरिखा तें यहीं जनम गँवायौ ... मन मेरे कु भी चेत गँवार मन मेला मनहींँ स्यूँ घाइ मन माहन मेरे मनहिं माहि मन मादन हे। मनसा मन सबद खुरति मनाँ जपि राम नाम कहिये मनाँ भजि राम नाम लीजे मन रे ्ंतिकाल दिन श्राया मन रे तूं देखे सा नाहीँ मन रे तेरा कान गँवारा मन रे देखत जनम गये मन रे बहुरि न एस हेई मन रे राम बिना तन छुजे मन रे राम रटत क्यूं रहिये कि... अपर हु मन रे सेचि निरंजन राई १ पट शुपद ८5 १४४ श्दे हु रे ७ धूः ४. ८ रद १० 9डे रद्द के २१७७ श्८पं. ९२७. ध्फ्




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