धर्म सुना तो क्या हुआ | Dharam Suna To Kya Hua
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.67 MB
कुल पष्ठ :
215
श्रेणी :
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आचार्य श्री रामलाल जी - Achary Shri Ramlal Ji
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मदनलाल कटारिया - Madanlal Kataria
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)धर्म सुना तो क्या हुआ ? छ 6
पर वह मिलने वाली नहीं । मौत पहले सावधान करती है फिर भी जब आप
सावधान नहीं होते तब वह समय क्रूर लगता है। किन्तु जो जाग जाता है,
जो धर्म-श्रद्धा में रुचि बना लेता है, वह शरीर-धर्म को जान लेता है वह
जान लेता है कि यह सड़न-गलन-विध्वंसन गुण वाला हैं। करकण्डू को
क्या हुआ था ? सौँंड़ को भरी जवानी में देखा तो कहा-इसकी पूरी सुरक्षा
करो और कालान्तर में जब उसे देखा, तो उस रूप में कि वह मक्खियाँ भी
नहीं उड़ा पा रहा था| कौवे शरीर में टोचे मार रहे थे पर पूंछ में जान नहीं
थी कौवों को भी उड़ा सके । पूरी-भरी जवानी में जब पूंछ उठती थी तो
आस-पास के पौधे गिर जाया करते थे पर आज तो मकक्खी उड़ाना भी
संभव नहीं रहा था। कई भाई आँख में पानी डालते हैं-क्या करें अब शरीर
काम नहीं देता | भाई ! अब क्या होगा ? जिस समय जवानी का जोश था
तब संतों ने समझाया था कि यह जवानी की रौनक रहने वाली नहीं है, यह
तो फानी होती है। उस समय समझ जाते, संभल जाते तो समय हाथ में
रहता, अब आज आँसू निकालने पड़ रहे हैं। अब कितना ही परमात्मा को
पुकार लो, वह नहीं आयेगा। अब हाथ काम नहीं करते, पांव धूजते हैं ।
नहीं प्रभु से प्यार, फिर क्या पाएगा |
रोना है बेकार, छूट सब जायेगा |
तेरी श्याम सलोनी काया, जिसको तूने नहलाया |
मन गमता भोज जिमाया, और सुंदर साज सजाया,
साथ क्या जायेगा रोना है बेकार छूट सब जायेगा |
बंधुओं ! जग जाओ । अभी भी समय है। आप चाहते हो कि ऐसा
रोना हमारी जिन्दगी में नहीं आये तो भगवान् ने बहुत मार्ग बताये हैं उनका
अनुसरण करो रोग आ जाये तो आहार छोड़ दो। पर हमारे यहाँ रोग
आयेगा तो डॉक्टर आयेगा । भूख नहीं लगती, तो भूख की दवा लेंगे। अरे
भला ! क्या हो गया ? कर लो तेला-पचोला। भूख भीतर होगी तो अपने
आप लगेगी, भीतर नहीं है तो कितनी भी दवाई करते चले जाइये कुछ नहीं
होगा तब कहोगे डॉ. साहब ! दवाई कीतनी लेता हूँ, पर भूख नहीं लगती |
अरे! दवाई पर दवाई खा रहा है तो भूख लगेगी कैसे ? जठराग्नि तेज नहीं
और डाइजेशन ठीक करने की दवाई नहीं ली तो भूख लगेगी कैसे ? करो
तपस्या, फिर देखो भूख क्या होती है। अरे पारणे के बाद देख लेना क्या
स्थिति बनती है पर हिम्मत नहीं होती | सोचेंगे शरीर कमजोर हो जायेगा |
पर धर्मश्रद्धा मजबूत हो तो सोचेंगे कि शरीर तो छूटना ही है फिर इससे
” एतनी ममता क्यों ?
, हि
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