समाजवाद की रूप रेखा | Samajvad Ki Roop Rekha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
209.07 MB
कुल पष्ठ :
359
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand). समाजवाद की रूप-रेखा
.... खुके हैं कि इस दिशा में अधिक उन्नति करना कठिन हैं। हमारी
... सम्यत्रा पार्थिव तथा. औद्योगिक. साधनों से पूणतः सम्पन्न है श्र
:. सानवीय सुख श्र संस्कृति के दृष्टिकोण से; संभवतः समस्त, प्राचीन...
.... सम्यताद्यों से अधिक प्रभावशाली है न मन्दिर गा
यह सत्य हैं कि इतनी . उन्नति श्रभूतपूव है। परन्तु बतमान
पा हर _ सामाजिक परिस्थिति में उनसे झ्नेक दोष उत्पन्न हो गये हैं जिनसे...
..... छुटकारा पाने के लिये एक नई प्रणाली की श्रावश्यकता है कप
........बतमान सामाजिक और शार्थिक शवस्था के विरुद्ध शब
....झान्दोलन होने लगा है । असंतोष की आग श्रबं संसार के कोने-कोने...
में तेज़ी के साथ फेल रही है । पूंजीवाद ने संसार को निधनता के
- लाशकारों रोग से प्रपीड़ित कर. रक्खा है । उसके . विपरीत कुछ इने-
_...शिने. व्यक्तियों पर घन की वर्षा करके उन्हें संसार के मोग-विलासों
में जीवन व्यतीत करने का वरदान देना मी. पूरजावाद का ही
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