मारवाड़ का इतिहास | Maarvaad Kaa Itihaas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
52.29 MB
कुल पष्ठ :
413
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पण्डित विश्वेश्चरनाथ रेड - pandit vishveshcharnath Red
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)३९. महाराजा मानसिंहजी यह महाराजा विजयसिंहजी के पौत्र और युमानसिंहजी के पुत्र थे । इनका जन्म बि० सं० १८३९ की माघ सुदि ११ (ई० स० १७८३ की १३ फ़रवरी ) को इआ्आा था । पहनने लिखा जा चुका है कि वि० सं० १८५० के भ्षाढ़ ( ई० स० १७४३ की जुलाई ) में जिस समय इनके चचेरे भाई भीमसिंहजी गद्दी पर बैठे उस समय यह जोधपुर से लोटकर इधर-उधर के गौँवों को लूटते हुए जालोर चले गए आर वहां के दुर्ग का आश्रय लेकर महाराजा भीमसिंहजी की मेजी हुई सेना का मुक्नाबला करने लगे | वि० सं० १८६० के कार्चिक ( ई० स० १८०३ के अक्टोबर ) में महाराजा मीमसिंहजी का स्वर्गवास हो गया । उनके पीछे पुत्र न होगे के कारण उनकी जालोर की सेना के सेनापतियों-मंडारी गंगाराम और सिंधी इन्द्राज ने युद्ध बंद कर मानसिंदजी से जोधपुर चलने और वंशक्रमागत राज्य का अधिकार ग्रहण करने की प्रार्थना की । इसीके अनुसार जिस समय यह जालोर से खाना होकर सालावास पहुँचे १. मद्दाराजा विजयसिंदजी की पासवान (उपपल्नी)-गुलाबराय ने अपने पुत्र तेजसिंद के मर जाने पर मानसिंहजी को अपने पास रखलिया था । परन्तु महाराजा विजयसिंदजी के मारवाड़ के सरदारों को समकाने के लिये जाने पर जब वि० सं० १८४६. के वैशाख ( ई० स० १७६२ के अप्रेल) मैं उनके पौत्र ( फृतैसिंहजी के दत्तक पुत्र ) भीमसिंहजी ने जोधपुर के किले पर अधिकार करलिया तब शेरसिंह ( जिसको पासवान के कहने से महाराज अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे ) और मानसिंहजी जालोर के किले में मेज दिए गए । अगले वर्ष शेरसिंद तो लौट कर जोधपुर चला झ्ाया परन्तु मानसिंदजी ने श्रपना निवास वहीं रक्खा । कुछ दिन बाद महाराजा विजयसिंहजी ने वह प्रान्त इन्हें जागीर में दे दिया । इसके बाद जब महाराजा भीमसिंहजी जोधपुर की गद्दी पर बैठे तब उन्होंने मानसिंदजी को पकड़ने के लिये एक सेना मेज दी । इसी के घिराव से तंग आकर वि० सं० १८६० की वेशाख सुदि १ (ई० सन् १८०३ की २२ अप्रेल) को छु०ह
User Reviews
No Reviews | Add Yours...