हिंदी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास | Hindi Sahitya Ka Vivechanatmaka Itihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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था वह होकर रहा | ् ब्यार्यसस्यता घर्मश्राण है वह झादश की चितेरी है । इस्लामिक सभ्यता घम्ेप्रिय है व ब्यावददारिकता की चेरी है। पहली दशन के पीछे चलती हे दूसरी प्रबतंक के झादेश को खिरमाथे रखनी है । मोहम्मद संनिक नेता होते हुए भी किसी सीमा तक साहष्णु थ+# |] इस्लाम में साहिष्णुता का अभाव हे । हिजरा की दूसरी सदी में देश देशान्तरों को तलवार तथा? अभ्िकाणडा के बल से जीत कर सुसालिम सेनानायक प्रमत्त हो उठे थे । उन्हेंने कुरान की बातो पर आंधक ध्यान न दें विजित प्रदेशों पर मन माने झादेश आरोपित कर दिये । इस युग के मुसलिम नेता गेरमुसलमानों के सम्मुख दो बातें रखते थे । 3 फ़ूंफााह रा ताल छापा 07 ५९ के 89१0. सत्ता के मद में आ इन लोगों ने इस्लाम को झन्धा तथा उन्नति के झयीग्य बना दिया । इस्लाम की कट्टर श्रसाहिष्युतता इसी युग से प्रारम्भ होती ह। ला घिलए 00 फा प्र०्ण के पका नाता पका पा 00 10 200 कुरान का यह वाक्य महत्त्व का हैं। इस्लाम राजनीति प्रधान घर्म है 15 इस में घर्म के यथार्थ रहस्य पर ध्यान न दे झपने मन्तवब्यो को दूसरों पर आरोपित किया जाता है । एक दिन गेबील ने मुहम्मद साहब से पूछा कि इस्लाम का रहस्य क्या है । मोहम्मद साहब बोले 1) फृए्लिमहीं॥ए घिक्ां पिलावा प किपा हार ललकसपलताकवनपपकशिफी ककया किक है शै॥प70 5लरोएा राचित [दा धापी (0१ टन (00002 १7 0 घिए. है पहघापाहता . पृष्ठ ७४ पे सफंपी। फल कपल उत्तणों काले शो अका तप (छा पपा (१४-८० न उक़पुस्तक का पृष्ठ ८६ टू कडक्षाण कषाप्त पाल सिडफणा 0 08% 01 (0० हिना 011 पृष्ठ ७४ 5 सर जदुनाथ सरकार रचित 3(घताल्४ उ हित पते पष्ट ३१०




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