निकुंज | Nikunj

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : निकुंज - Nikunj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

कुलवंत सिंह - Kulwant Singh

जन्म : 11 जनवरी, रुडकी, उत्तराखंड

प्राध्यमिक शिक्षा : सरस्वती शिशु शिक्षा मंदिर करनैलगंज गोंडा (उ.प्र.)

हाईकल / इंटरमीडिएट : ब्राम्हण संस्कृत विद्यालय, रुडकी

उच्च शिक्षा : बी टेक, आई. आई .टी. , रुडकी (रज़त पदक एवं 3 अन्य पदक)

पी एच डी : मुंबई युनिवर्सिटी

रचनाएं प्रकाशित : साहित्यिक पत्रिकाओं, परमाणु ऊर्जा विभाग, राजभाषा विभाग, केंद्र सरकार की गृह पत्रिकाओं, वैज्ञानिक, विज्ञान, आविष्कार,
अंतरजाल पत्रिकाओं में साहित्यिक एवं वैज्ञानिक रचनाएँ ।

पुस्तकें :
1- परमाणु एवं विकास (अनुवाद)
2. - विज्ञान प्रश्न मंच
3 - कण क्षेपण (विज्ञान) अप्रकाशित

काव्य पुस्तकें :
1 - निकुंज (काव्य अंग्रह)
2 - शही

Read More About Kulwant Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भूमिका मानवीय भावनाओं को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है . काव्य। गद्य में व्यक्त सुदृढ़, तर्कसंगत एवं प्रवाहपूर्ण विचार भी मानव-मन की विभिन्न परतों को दर्शाने में प्रायः अपर्याप्त होते हैं। भावाभिव्यक्ति माध्यम को काव्य एक नयी दिशा ही प्रदान नही करता अपितु आंतरिक संवेदनाओं को शब्दों में ढ़ाल खूबसूरती से अभिव्यक्त भी करता है। कभी कभार हमें यह लगता है कि विज्ञान एवं कविता दोनों की दिशा ही विपरीत है क्योंकि विज्ञान तर्क पर आधारित है जबकि कविता तर्क को नकारती है। | श्री कुलवंत सिंह अनसंधान धातुकर्मी, 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा रचित "निकुंज" काव्य संग्रह देखकर मुझे वास्तव में अतीव प्रसन्नता हुई। इसमें कोई संदेह नही कि धातुओं का अध्ययन एक रखा विषय है, जिसमें हृदय की कोई आवश्यकता नहीं होती जबकि काव्य पूरी तरह से हमारे हृदय-भावों से जुड़ा होता है। | इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि धातुविज्ञान के अनुसंधानकर्ता के पास भी दिल है और यदि उसने अपने भावों को अभिव्यक्त करने का माध्यम कविता चना है तो इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। | श्री कुलवंत सिंह ने आदर्शो, सामाजिक, एवं मानवीय मूल्यों के प्रति अपने भाव व्यक्त किय हैं। साथ ही राष्ट्र के विकास एवं राष्ट्र प्रेम की भावनाओं को भी अभिव्यक्ति प्रदान की है। इस प्रकार कवि ने संवेदनाओं एवं तर्क दोनों को ही काव्य रचना का माध्यम बनाया है। अपने चारों ओर के समाज एवं विश्व के बारे में कवि ने अपने भावों एवं अनुभवों को सच्चाई के साथ व्यकत किया है। इन कविताओं में विचारों की सरलता एवं भाषा प्रवाह ने मुझे सर्वाधिक प्रवाहित किया।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now