कुरान भाष्य प्रथम खंड | Kuraan Bhaashhy Pratham Khand

Book Image : कुरान भाष्य प्रथम खंड  - Kuraan Bhaashhy  Pratham Khand

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about धर्मवीर भारती - Dharmvir Bharati

Add Infomation AboutDharmvir Bharati

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
. डेमान न लाने वालों को दोजख का भय दिखला रहे थे लो ग्रहुत से ही लोग फिर भी जन पर विश्वास न लाये तब उन के साथियों ने विस्मय से पूद्ा क्यों इज- रत कब यह लोग भी इस जैसे हो हैं फिर यह इेमान क्यों सहीं लाले ? हालांकि छाप उन को दोजख सेडरा रहे हैं क्या इन्हें दोज़ख का भय महदीं ? इसी का उत्तर भल्लाइ मे छटवों आयत में दिया है कि है मुहम्मद जिन लोगों को हम काफिर बना चके हैं उन्हें तुम चाहे इराश़ो अथवा न हराश्रो वह कदापि देमान न लावेंगे क्यों कि ज्ञात प्राप्त होने के केवल लोन हो साधन हैं या तो सनष्य अपने समन से स्वयं दो भले बरे का विचार कर सकता हे या दूसरे मनष्यों से सुन कर भरथवा सुष्टि नियम व पस्तका दि का देख कर किन्त ये का फिर तम्हारों बातों पर कंसे ध्यान दे सकते हैं जब कि दम मे इनके हुृद्यों कानों पर मुहर कर इन को आंखों पर परदा इल दिया बस भव तम इन्हें इम को हालत पर हो लाइ दा अन्तत यह हमारे पास हो ता भावेंगे इस देख लेंगे बस इन के लिये दुख का महा कष्ट हेमा । व मिनच्मासे मेयकलो आमल्ाा बट्लाहे वबित्यो मिल आ खिरे व मा हम बे मौमे




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now