राष्ट्रीय स्वास्थ्य की प्रथम पुस्तक | Raashht riiya Svaasthya Kii Pratham Pustak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.79 MB
कुल पष्ठ :
22
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १र )
खोमचे में बिकने वाले सामानों को जिन पर मक्खियाँ बैठती
हों या धूल उड़कर पड़ती हो कभी भूल कर भी न खाओ । भोजन
गमं ताजा होना चाहिए. कभी भी बासी या सड़ी-गली चीजें
न खाओ । खाने वाले सामान को कभी भी खुढा न रखो ।
उसे सदा ढठककर रखना चाहिए । भोजन बनाने के पहले शाक,
सब्जियां, चावल, 'दाछ, मसाला आदि को घोकर खूब साफ
कर लेना चाहिये । भोजन परोसने वाले को भोजन परोसने से
पहले अपने हाथ, मुँह और पेर को अच्छी तरह धो छेना
आवश्यक है । भोजन को हाथ से न परोसकर चम्मच से परोसना
ठीक रहता है । एक बार का खाया. हुआ भोजन जब तक
अच्छी तरह न पच जाय तत्र तक किसी के कहने पर भी कुछ
न खाना चाहिए । बाजार से लाये हुए फ़छों को गर्म जल से
घोकर खाना चाहिए । रोज भोजन के साथ कुछ फल और
दूध का सेवन करो ।
भाजन सम्बन्धी इन सभी नियमों का पालन करते रहने
से पेट सम्बन्धी राग कभी न होंगे; तुम स्वस्थ और बलवान
बने रद्दोगे, तुम्हारी आयु बढ़ेगी ।
मुख्य बातें--
(१) अयुद्ध और पवित्र भोजन कभी मत करो |
(२) भोजन से पहले दाथ-पैर और मुँह को श्रच्छी तरदद साफ करो ।
(३) साफ-सुथरी जगह पर बेठकर गम श्रौर ताजा भोजन करो ।
(४) खाने-पीने की चीज़ों को ढक कर रक्खो ।
(५) बाजार श्रौर खोमचे की चीज़ें कभी मत खाश्यो |
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