राष्ट्रीय स्वास्थ्य की प्रथम पुस्तक | Raashht riiya Svaasthya Kii Pratham Pustak

Raashht riiya Svaasthya Kii Pratham Pustak by कुमुद - Kumud

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १र ) खोमचे में बिकने वाले सामानों को जिन पर मक्खियाँ बैठती हों या धूल उड़कर पड़ती हो कभी भूल कर भी न खाओ । भोजन गमं ताजा होना चाहिए. कभी भी बासी या सड़ी-गली चीजें न खाओ । खाने वाले सामान को कभी भी खुढा न रखो । उसे सदा ढठककर रखना चाहिए । भोजन बनाने के पहले शाक, सब्जियां, चावल, 'दाछ, मसाला आदि को घोकर खूब साफ कर लेना चाहिये । भोजन परोसने वाले को भोजन परोसने से पहले अपने हाथ, मुँह और पेर को अच्छी तरह धो छेना आवश्यक है । भोजन को हाथ से न परोसकर चम्मच से परोसना ठीक रहता है । एक बार का खाया. हुआ भोजन जब तक अच्छी तरह न पच जाय तत्र तक किसी के कहने पर भी कुछ न खाना चाहिए । बाजार से लाये हुए फ़छों को गर्म जल से घोकर खाना चाहिए । रोज भोजन के साथ कुछ फल और दूध का सेवन करो । भाजन सम्बन्धी इन सभी नियमों का पालन करते रहने से पेट सम्बन्धी राग कभी न होंगे; तुम स्वस्थ और बलवान बने रद्दोगे, तुम्हारी आयु बढ़ेगी । मुख्य बातें-- (१) अयुद्ध और पवित्र भोजन कभी मत करो | (२) भोजन से पहले दाथ-पैर और मुँह को श्रच्छी तरदद साफ करो । (३) साफ-सुथरी जगह पर बेठकर गम श्रौर ताजा भोजन करो । (४) खाने-पीने की चीज़ों को ढक कर रक्‍खो । (५) बाजार श्रौर खोमचे की चीज़ें कभी मत खाश्यो |




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