उपनिषद भाग - १ | Upanishad Bhag - 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Upanishad Bhag - 1  by ब्रह्मचारी विष्णु - brahmchari vishnuशंकर लाल कौशल्य - Shankar Lal Kaushalya

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

ब्रह्मचारी विष्णु - brahmchari vishnu

No Information available about ब्रह्मचारी विष्णु - brahmchari vishnu

Add Infomation Aboutbrahmchari vishnu

शंकर लाल कौशल्य - Shankar Lal Kaushalya

No Information available about शंकर लाल कौशल्य - Shankar Lal Kaushalya

Add Infomation AboutShankar Lal Kaushalya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
कि भाग पहिला | ॥ शान्ति पाठ ॥. . 3 -पूरणमदः प्रणमिदं प्र्णात्पूरणमुदच्यते | प्रणस्य. प्रणमादाय प्र मेवावशिष्यते | 3 शान्ति शान्ति शान्ति | ... शब्दाथ-यह पूर्ण है वह पूर्ण है पूंण से पूरा बनता है पूरा में से पूर्ण ले लेने से पूर्ण ही शेष रदता है। ० शान्ति शान्ति शान्ति । 3० सह नाववतु । सहनो भुनकु । सह _ चीर्य॑ करवावहे | तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहे ॥ 3? शान्ति शान्ति शात्तिं |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now