उपनिषद भाग - १ | Upanishad Bhag - 1

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ब्रह्मचारी विष्णु - brahmchari vishnu

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शंकर लाल कौशल्य - Shankar Lal Kaushalya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कि भाग पहिला | ॥ शान्ति पाठ ॥. . 3 -पूरणमदः प्रणमिदं प्र्णात्पूरणमुदच्यते | प्रणस्य. प्रणमादाय प्र मेवावशिष्यते | 3 शान्ति शान्ति शान्ति | ... शब्दाथ-यह पूर्ण है वह पूर्ण है पूंण से पूरा बनता है पूरा में से पूर्ण ले लेने से पूर्ण ही शेष रदता है। ० शान्ति शान्ति शान्ति । 3० सह नाववतु । सहनो भुनकु । सह _ चीर्य॑ करवावहे | तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहे ॥ 3? शान्ति शान्ति शात्तिं |




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